केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने किसानों के लिए राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF) की मंजूरी दे दी है। एनएमएनएफ कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत चलने वाली केन्द्र प्रायोजित योजना है।
15वें वित्त आयोग (2025-26) के अनुसार इस योजना पर कुल 2481 करोड़ रुपये खर्च होगा। जिसमें भारत सरकार के द्वारा 1584 करोड़ रुपया और राज्य सरकार के द्वारा 897 करोड़ रुपया खर्च किया जाएगा। इस मिशन की शुरुआत पूरे देश में मिशन मोड में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।
इस मिशन का उद्देश्य पारंपरिक ज्ञान पर आधारित खेती के साथ ही रसायन मुक्त खेती करना है। जिसमें स्थानीय पशुधन एकीकृत प्राकृतिक खेती के तरीके, विविध फसल प्रणाली आदि शामिल हैं। साथ ही इसका उद्देश्य सुरक्षित और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना और खेती में आने वाली लागत को भी कम करना है। प्राकृतिक खेती स्वस्थ मृदा इकोसिस्टम का निर्माण और रखरखाव करेगी, जैव विविधता को बढ़ावा देगी। एनएमएनएफ को वैज्ञानिक रूप से पुनर्जीवित करने और किसान परिवारों और उपभोक्ताओं के लिए स्थिरता, जलवायु लचीलापन और स्वस्थ भोजन की दिशा में कृषि कार्य प्रणालियों को मजबूत करने के लिए एक बदलाव के रूप में शुरू किया गया है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ₹2481 करोड़ के बजट के साथ राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन (NMNF) को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत एक स्वतंत्र केंद्रीय प्रायोजित योजना के रूप में शुरू करने की मंजूरी दी।#agrigoi… pic.twitter.com/KHo6Y6VvcK
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) November 25, 2024
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन को अगले दो सालों में ग्राम पंचायतों के 15,000 समूहों में लागू किया जाएगा। इसे एक करोड़ किसानों तक पहुंचाया जाएगा और 7.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती (एनएफ) शुरू की जाएगी। साथ ही किसानों के मदद के लिए 10,000 जैव-इनपुट संसाधन केंद्र (बीआरसी) भी स्थापित किए जाएंगे।
एनएमएनएफ के तहत, कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके), कृषि विश्वविद्यालयों (एयू) और किसानों के खेतों में लगभग 2000 एनएफ मॉडल प्रदर्शन फार्म स्थापित किए जाएंगे और इन्हें अनुभवी और प्रशिक्षित किसान मास्टर प्रशिक्षकों द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। इच्छुक किसानों को उनके गांवों के पास केवीके, एयू और एनएफ खेती करने वाले किसानों के खेतों में एनएफ पैकेज ऑफ प्रैक्टिस, एनएफ इनपुट की तैयारी आदि पर मॉडल प्रदर्शन फार्मों में प्रशिक्षित किया जाएगा।
18.75 लाख प्रशिक्षित इच्छुक किसान अपने पशुओं का उपयोग करके या बीआरसी से खरीद कर जीवामृत, बीजामृत आदि जैसे कृषि संबंधी संसाधन तैयार करेंगे। जागरूकता पैदा करने, एकजुट करने और समूहों में इच्छुक किसानों की मदद करने के लिए 30,000 कृषि सखियों/सीआरपी को तैनात किया जाएगा।
किसानों को एक आसान सरल प्रमाणन प्रणाली और समर्पित सामान्य ब्रांडिंग प्रदान की जाएगी ताकि उन्हें अपने प्राकृतिक कृषि उत्पादों को बाजार तक पहुंच प्रदान की जा सके। एनएमएनएफ कार्यान्वयन की वास्तविक समय की जियो-टैग और संदर्भित निगरानी एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी।
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स्थानीय पशुधन आबादी को बढ़ाने, केन्द्रीय मवेशी प्रजनन फार्मों / क्षेत्रीय चारा स्टेशनों पर एनएफ मॉडल प्रदर्शन फार्मों का विकास करने, स्थानीय किसानों के बाजारों, एपीएमसी (कृषि उपज बाजार समिति) मंडियों, हाटों, डिपो आदि के लिए अभिसरण के माध्यम से जिला / ब्लॉक / जीपी स्तरों पर बाजार संपर्क प्रदान करने के लिए भारत सरकार / राज्य सरकारों / राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की मौजूदा योजनाओं और सहायता संरचनाओं के साथ अभिसरण की खोज की जाएगी। इसके अतिरिक्त, छात्रों को आरएडब्ल्यूई कार्यक्रम और एनएफ पर समर्पित स्नातक,स्नातकोत्तर और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के माध्यम से एनएमएनएफ में शामिल किया जाएगा।