पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर द्वारा कश्मीर को “इस्लामाबाद की गले की नस” बताए जाने पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बयान को खारिज करते हुए दो टूक शब्दों में कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है, और पाकिस्तान का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, “पाकिस्तान का कश्मीर से केवल एक ही संबंध है – उसे अवैध रूप से कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना चाहिए।” उन्होंने आगे कटाक्ष करते हुए कहा, “कोई विदेशी चीज गले की नस कैसे हो सकती है?” यह बयान पाकिस्तान की उस नीति पर करारा जवाब माना जा रहा है, जिसमें वह कश्मीर को बार-बार अपना बताने की कोशिश करता रहा है।
क्या कहा था पाक सेना प्रमुख ने?
पाक सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने हाल ही में एक वीडियो संदेश में युवाओं को संबोधित करते हुए कहा था कि, “कश्मीर इस्लामाबाद की गले की नस है।” उन्होंने पाकिस्तान की ‘राष्ट्रीय पहचान’ और ‘दो राष्ट्र सिद्धांत’ की बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान की नींव हिंदुओं से अलग पहचान पर रखी गई थी। साथ ही उन्होंने युवाओं से देश की ‘असल कहानी’ को समझने और उसे अपनाने की अपील की।
हालांकि, उनका यह राष्ट्रवादी संदेश भारत में विवाद का कारण बन गया, खासकर जब उन्होंने कश्मीर को लेकर ऐसा भड़काऊ बयान दिया।
बलूचिस्तान और आतंकवाद पर जनरल मुनीर का बयान
अपने संबोधन में जनरल मुनीर ने बलूचिस्तान में जारी अशांति और आतंकवाद पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “आतंकवादियों की दस पीढ़ियां भी पाकिस्तान और बलूचिस्तान को नुकसान नहीं पहुंचा सकतीं।” उनका दावा था कि पाकिस्तान की सेना पूरी ताकत से आतंकवाद का मुकाबला कर रही है और देश की एकता को कोई खतरा नहीं है।
भारत का जवाब – “पाकिस्तान ही है आतंकवाद का गढ़”
भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान पर पलटवार करते हुए कहा कि दुनिया अब अच्छी तरह जानती है कि आतंकवाद की जड़ कहां है। मंत्रालय ने विशेष रूप से 26/11 हमले का जिक्र करते हुए कहा कि “पाकिस्तान अब भी उन आतंकियों को पनाह दे रहा है, जिन्होंने मुंबई हमलों को अंजाम दिया था।” तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की बात करते हुए विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को एक बार फिर “आतंकवाद का मुख्य केंद्र” बताया।
भारत-चीन के बीच फिर से शुरू होंगी हवाई सेवाएं
विदेश मंत्रालय ने एक और बड़ी जानकारी देते हुए बताया कि भारत और चीन के बीच हवाई सेवाएं जल्द दोबारा शुरू होंगी। दोनों देशों के बीच तकनीकी स्तर पर विमानों की बहाली को लेकर बातचीत चल रही है। यह मुद्दा विदेश सचिव की हालिया चीन यात्रा के दौरान भी उठा था, जहां आपसी संबंधों में सुधार के संकेत मिले हैं।
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पाकिस्तान की ओर से बार-बार कश्मीर को लेकर दिए जाने वाले भड़काऊ बयानों पर भारत की प्रतिक्रिया साफ और दो टूक रही है। जहां एक ओर पाकिस्तान खुद आतंकवाद, आर्थिक संकट और आंतरिक अस्थिरता से जूझ रहा है, वहीं भारत ने फिर स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर पर कोई समझौता नहीं होगा।