उत्तराखंड पंचायत चुनाव: उत्तराखंड के 12 जिलों में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की प्रक्रिया तेज हो गई है। राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए आरक्षण फार्मूले के तहत जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की सूची तैयार कर दी गई है। नई व्यवस्था के अनुसार, अनुसूचित जाति (SC) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को दो-दो जिले आरक्षित किए जाएंगे। वहीं, अनुसूचित जनजाति (ST) को राज्य में कम जनसंख्या के चलते जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर आरक्षण नहीं मिल पाएगा।
हरिद्वार को छोड़ सभी जिलों में होंगे चुनाव
उत्तराखंड में कुल 13 जिला पंचायतें हैं, लेकिन इस बार हरिद्वार को छोड़ बाकी 12 जिलों में चुनाव कराए जा रहे हैं। चुनाव प्रक्रिया के तहत आरक्षण निर्धारण के लिए राज्य की कुल जनसंख्या को इकाई मानकर संबंधित वर्ग की जनसंख्या के आधार पर सीटों की संख्या तय की गई है। इसी आधार पर जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के आरक्षण का निर्धारण किया गया है।
आरक्षण व्यवस्था इस प्रकार होगी
- अनुसूचित जाति (SC) : 2 पद (1 महिला हेतु आरक्षित)
- ओबीसी (OBC) : 2 पद (1 महिला हेतु आरक्षित)
- अनुसूचित जनजाति (ST) : 0 पद
- सामान्य वर्ग : शेष पद (एक महिला हेतु आरक्षित)
ब्लॉक प्रमुख और ग्राम प्रधान पदों पर भी आरक्षण
ब्लॉक प्रमुखों के लिए भी आरक्षण राज्य की जनसंख्या को आधार बनाकर तय किया गया है:
- ST : 3 पद
- SC : 18 पद
- OBC : 15 पद
इसी तरह ग्राम प्रधान पदों के लिए ब्लॉक की जनसंख्या को इकाई मानकर आरक्षण तय हुआ है:
- ST : 226 पद
- SC : 1467 पद
- OBC : 1250 पद
इन पदों में भी नियमानुसार महिलाओं के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा।
दरवाज़ा खुला है आरक्षण के विरुद्ध आपत्तियों के लिए
आरक्षण निर्धारण की अधिसूचना जारी होने के साथ ही जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जिलों में इसकी सूचना सार्वजनिक कर दी है। यदि किसी व्यक्ति को प्रस्तावित आरक्षण पर आपत्ति है, तो वह अपनी आपत्ति खंड विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी या जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर सकता है। जिलाधिकारी, आवश्यकता पड़ने पर, आपत्तिकर्ता को मौखिक रूप से भी सुनवाई का अवसर देंगे।
आरक्षण प्रक्रिया की तय क्रमावली
नियत क्रम में आरक्षण निर्धारण किया जा रहा है, जो इस प्रकार है:
- अनुसूचित जनजाति की महिलाएं
- अनुसूचित जनजाति
- ओबीसी
- अनुसूचित जाति
- ओबीसी महिलाएं
- अनुसूचित जाति की महिलाएं
- सामान्य महिलाएं
प्रशासनिक जिम्मेदारी तय
राज्य शासन द्वारा पंचायत चुनावों के लिए प्रशासनिक प्रभारियों की नियुक्ति भी कर दी गई है।
- जिला पंचायतों की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों को सौंपी गई है।
- क्षेत्र पंचायतों की निगरानी एसडीएम करेंगे।
- ग्राम पंचायतों का संचालन सहायक खंड विकास अधिकारी के अधीन रहेगा।
यह भी पढ़ें: ‘पंचायत 4’ की रिलीज डेट हुई अनाउंस, चुनावी गर्मी दिखेगी…
उत्तराखंड में पंचायत चुनावों की तैयारियों ने अब रफ्तार पकड़ ली है। आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से की जा रही है, जिससे पंचायत व्यवस्था में सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व का अवसर मिल सके। अगले कुछ दिनों में आरक्षण प्रस्तावों के अंतिम रूप दिए जाने के बाद चुनाव की अधिसूचना जारी होने की संभावना है।