देशभर में लोग दिवाली के इंतजार में हैं और हमारे अन्नदाता यानि हमारे देश के किसान भी खुशहाली की आस में बैठे हैं। क्योंकि उनके धान की कीमत उन्हें मिलने वाली है। बता दें कि किसान की फसल को सरकार समर्थन मूल्य में खरीदती है जिससे किसान को उनकी फसल का सही मूल्य मिल जाए।
इस समय खरीफ की फसल है और लहलहाते धान की कटाई शुरू हो गई है। लेकिन अब एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि इस साल सरकारी दर पर फसलों की खरीदगी 14 नवंबर से शुरू होगी जिसे सरकार न्यूनतम समर्थन पर खरीदती है।
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यानी की किसान जो टकटकी लगाए इस उम्मीद में थे कि दीवाली से पहले उन्हें उनकी फसल की सही कीमत मिल जाएगी अब उनके चेहरे पर निराशा छा गई है। लग रहा है इस बार हमारे किसान भाईयों की दीवाली फीकी ही रह जाएगी।
कुछ आंकड़ों के अनुसार, इस खरीफ सीजन में किसानों ने लगभग 1.38 लाख हेक्टेयर क्षेत्र धान की फसल लगाई है।कुछ किस्मों की धान पककर तैयार है और कुछ किस्म की धान को पकने में अभी करीब 30 दिनों का समय लगेगा। लेकिन ऐसे में सबसे बड़ी समस्या सही समय पर कीमत का ना मिलना है।