भारत सरकार ने 24 मार्च 2024 को सांसदों के वेतन, पेंशन और भत्तों में महत्वपूर्ण वृद्धि का ऐलान किया। यह वृद्धि 1 अप्रैल 2023 से लागू होगी। अब सांसदों को प्रति माह 1.24 लाख रुपये वेतन मिलेगा, जो पहले 1 लाख रुपये था। इसके साथ ही सांसदों की पेंशन और भत्ते में भी बढ़ोतरी की गई है। इस फैसले से संसद के चालू बजट सत्र के दौरान सरकारी योजनाओं में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
क्या है वेतन और पेंशन में बदलाव?
केंद्र सरकार के इस निर्णय के तहत, सांसदों की पेंशन में भी बढ़ोतरी की गई है। पहले जहां सांसदों की पेंशन 25,000 रुपये थी, अब उसे बढ़ाकर 31,000 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, जो सांसद दो बार या तीन बार संसद के सदस्य रहे हैं, उनकी अतिरिक्त पेंशन 2000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दी गई है।
संसद सदस्यों के वेतन और भत्ते में 5 साल बाद हुआ इजाफा
सांसदों का वेतन बढ़ाने का यह निर्णय 5 साल बाद लिया गया है। इससे पहले 2018 में सांसदों के वेतन और भत्तों में संशोधन हुआ था, जिसमें सांसदों के लिए आधार वेतन 1,00,000 रुपये प्रति माह तय किया गया था। नया बदलाव इस संशोधन के बाद किया गया है और इसे लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (CPI) के आधार पर लागू किया गया है, जो भारतीय आयकर अधिनियम 1961 के अंतर्गत आता है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
यह वृद्धि संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954 की प्रदत्त शक्तियों के आधार पर की गई है। सरकार का मानना है कि सांसदों के वेतन और भत्तों में यह वृद्धि उनकी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों को देखते हुए आवश्यक थी। यह कदम उनके कार्यों को प्रोत्साहित करने और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में उठाया गया है।

नए संशोधनों से सांसदों को मिलेगा लाभ
नई पेंशन, भत्ता और वेतन वृद्धि के बाद, सांसदों को अब अपने कार्यकाल के दौरान बेहतर वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। विशेष रूप से वे सांसद जो कई बार संसद सदस्य रहे हैं, उनके लिए यह अतिरिक्त पेंशन वृद्धि एक अहम कदम है, जो उनके समर्पण को मान्यता देता है।
संसदीय कार्यों को बढ़ावा मिलेगा
सांसदों की पेंशन और वेतन में वृद्धि से यह उम्मीद की जा रही है कि यह कदम संसद के कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाएगा। सांसदों के बेहतर वेतन और पेंशन के कारण वे अपनी जिम्मेदारियों को और भी अच्छे तरीके से निभा सकेंगे, जिससे देश की राजनीति में और पारदर्शिता और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
2018 में हुआ था आखिरी संशोधन
सांसदों के वेतन और भत्तों में आखिरी बार बड़ा संशोधन 2018 में हुआ था। उस समय सांसदों का मासिक वेतन 1,00,000 रुपये तय किया गया था, जो अब 1.24 लाख रुपये हो गया है। इस बढ़ोतरी से सांसदों के कामकाजी हालात में सुधार हो सकेगा, और वे अधिक प्रभावशाली तरीके से संसद में अपनी भूमिका निभा सकेंगे।
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केंद्र सरकार द्वारा सांसदों के वेतन, पेंशन और भत्तों में बढ़ोतरी एक सकारात्मक कदम है, जो सांसदों के कामकाजी जीवन को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है। इससे ना केवल सांसदों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि इससे संसद के कार्यों में भी सशक्तिकरण होगा। इस वृद्धि के साथ, संसद के समर्पित सदस्यों को उनकी मेहनत का सही मुआवजा मिलेगा, जो भारतीय लोकतंत्र की मजबूती में योगदान देगा।