18वीं लोकसभा के तीसरे सत्र (शीतकालीन सत्र) का समापन हो गया। सत्र की शुरुआत अडानी मुद्दे से हुई थी जो जॉर्ज सोरोस, संविधान, आम्बेडकर के रास्ते धक्का-मुक्की पर आकर खत्म हो गई।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि संसद की गरिमा और मर्यादा बनाए रखना सभी सदस्यों की सामूहिक जिम्मेदारी है। 18वीं लोकसभा के तीसरे सत्र (शीतकालीन सत्र) के समापन पर उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संसद के किसी भी द्वार पर धरना या प्रदर्शन करना उचित नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे मानदंडों के उल्लंघन के मामले में, संसद को अपनी मर्यादा और गरिमा बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का अधिकार है। उन्होंने सभी सदस्यों से हर हाल में नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से 20 दिसंबर, 2024 के बीच आयोजित किया गया था। सत्र के दौरान बीस बैठकें आयोजित की गईं जो लगभग 62 घंटे तक चलीं। भारत के संविधान को अपनाने के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा 13 दिसंबर 2024 को शुरू हुई और 14 दिसंबर 2024 को समाप्त हुई।
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सत्र के दौरान पांच सरकारी विधेयक पेश किये गये और चार विधेयक पारित किये गये। 61 तारांकित प्रश्नों का मौखिक उत्तर दिया गया और शून्यकाल के दौरान सदस्यों द्वारा अत्यावश्यक सार्वजनिक महत्व के कुल 182 मामले उठाए गए। नियम 377 के तहत कुल 397 मामले उठाए गए। कुल मिलाकर सत्र के दौरान सदन की उत्पादकता 57.87 प्रतिशत रही।