उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पुष्कर में 105 वां राष्ट्रीय जाट महाधिवेशन के अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिस समाज ने मुझे इस पद पर भेजा है, उस समाज का मैं सबसे पहला सेवक हूँ, उस समाज की पूजा करने में कोई कमी नहीं आएगी। मेरा संकल्प है- किसान वर्ग को खंडित करने की योजना करने वाले लोगों के नापाक इरादे कभी कामयाब नहीं हो सकते।
जगदीप धनखड़ ने कहा कि बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियाँ चल रही हैं, तेल की हो, कपड़े की हो, इनका आधार क्या है? किसान के यहां पैदा होने वाली चीज़। अंग्रेज़ी में जिसको कहते हैं वैल्यू एडिशन, किसान को उसके बारे में सोचना चाहिए। सरकार की नीतियां सकारात्मक हैं, जिससे किसान सोच कर, तरीके से इन चीज़ों में वैल्यू ऐड कर सके।
माननीय उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ ने आज पुष्कर में 105 वां राष्ट्रीय जाट महाधिवेशन के अवसर पर जनसभा को संबोधित किया। #राष्ट्रीय_जाट_महाधिवेशन @mpbhagirathbjp @jyotimirdha pic.twitter.com/TvF0L38v1u
— Vice-President of India (@VPIndia) November 14, 2024
किसान राष्ट्र का प्रतीक है
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसान को राष्ट्र का प्रतीक बताते हुए कहा कि देश पर कोई भी संकट आएगा, किसान अपनी छाती पर झेलेगा! किसान वर्ग का संगठित रहना राष्ट्रवाद के लिए सबसे अच्छा है, मैं जानता हूँ कुछ समस्याएं हैं, उन समस्याओं का निराकरण होना चाहिए। आज मैं यहां से आह्वान करता हूँ, देश भर के किसानों के लिए मेरे दरवाज़े चौबीसों घंटे खुले हैं, मिल बैठ कर बात करेंगे, समस्या का हल निकालेंगे। हम इस देश के हैं, यह देश हमारा है, हम वो लोग हैं, जो धरती से सोना पैदा करते हैं।
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व्यापार में किसान क्यों नहीं?
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आज के दिन मैं तीन बड़ी बात कहना चाहूंगा! किसान जो पैदा करता है, बड़ी मुश्किलों से पैदा करता है। व्यापार में किसान क्यों नहीं? मेरा आग्रह है कि किसानों को बैठ कर चिंता करनी चाहिए, चिंतन करना चाहिए, मंथन करना चाहिए और जो खरबों का व्यापार है, वह उसके यहां पैदा होती है उसका व्यापार वो खुद करे। इतने बड़े खज़ाने को हम अपने से दूर कर रहे हैं। इस व्यापार में लक्ष्मी पूरी तरह से मेहरबान है और इस चीज़ पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।