भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका लगातार विस्तार पा रही है, और इसकी एक सशक्त मिसाल हैं कर्नल सोफिया कुरैशी। हाल ही में “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान जब देश की आवाज़ को वैश्विक मंच पर मजबूती से रखने की ज़रूरत पड़ी, तो भारतीय सेना की इस जांबाज़ अफसर को मीडिया को संबोधित करने की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। उनके साथ भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी मौजूद थे। यह क्षण न केवल सैन्य नेतृत्व में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत की बेटियां अब हर मोर्चे पर देश का नेतृत्व करने को तैयार हैं।
बहादुरी की एक प्रेरणादायक कहानी
कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम आज साहस, समर्पण और नेतृत्व का पर्याय बन चुका है। वे उस वक्त सुर्खियों में आई थीं जब उन्हें 2016 में आयोजित बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास “एक्सरसाइज फोर्स 18” में भारत की टुकड़ी का नेतृत्व करने का अवसर मिला। यह ऐतिहासिक इसलिए भी था क्योंकि वे न केवल भारत की प्रतिनिधि थीं, बल्कि 18 देशों की सेनाओं में अकेली महिला थीं जो किसी भी देश की सैन्य टुकड़ी की कमान संभाल रही थीं। उन्होंने 40 सदस्यीय भारतीय दल का नेतृत्व करते हुए यह साबित कर दिया कि महिलाएं किसी भी चुनौती में पुरुषों से पीछे नहीं हैं।
शिक्षा और सैन्य जीवन का अद्भुत संगम
गुजरात की रहने वाली कर्नल सोफिया ने बायोकैमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है, जो उनके शैक्षणिक और सैन्य प्रशिक्षण के बीच बेहतरीन तालमेल को दर्शाता है। वे भारतीय सेना की सिग्नल कोर से जुड़ी हैं, जो आधुनिक युद्ध में संचार और सूचना प्रणाली की रीढ़ मानी जाती है। इस भूमिका में वे अत्याधुनिक सैन्य तकनीकों और रणनीतियों के साथ काम करती हैं।
अंतरराष्ट्रीय मिशनों में निभाई अहम भूमिका
कर्नल सोफिया ने 2006 में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के तहत कांगो में सेवाएं दी थीं। वे पिछले कई वर्षों से पीसकीपिंग मिशनों में सक्रिय हैं और उन्हें पीसकीपिंग ट्रेनिंग ग्रुप द्वारा प्रशिक्षित किया गया है, जो कि संयुक्त राष्ट्र मिशनों के लिए सबसे उच्च स्तरीय प्रशिक्षण संस्थानों में से एक माना जाता है।
सेना से गहरा नाता
सेना से उनका जुड़ाव केवल पेशेवर नहीं, बल्कि पारिवारिक भी है। उनके दादा भी भारतीय सेना में थे और उनके पति मैकेनाइज़्ड इन्फेंट्री के अधिकारी हैं। यह पारिवारिक पृष्ठभूमि उनकी दृढ़ता, अनुशासन और समर्पण की नींव को और मजबूत बनाती है।
नारी शक्ति का प्रतीक
कर्नल सोफिया कुरैशी उन चुनिंदा सैन्य अधिकारियों में हैं, जिन्होंने अपने साहसिक निर्णयों, सूझबूझ और लीडरशिप से न सिर्फ भारतीय सेना में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है। वे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा हैं और यह साबित करती हैं कि भारतीय महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।