Chhagan Bhujbal Comeback: महाराष्ट्र की राजनीति में मंगलवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला। वरिष्ठ एनसीपी नेता और ओबीसी समुदाय के प्रमुख चेहरा छगन भुजबल ने मंगलवार सुबह राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
उन्होंने धनंजय मुंडे की जगह ली है, जिन्होंने सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में अपने सहयोगी की संलिप्तता को लेकर मार्च में इस्तीफा दे दिया था। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार उपस्थित थे।
NCP नेता छगन भुजबल के महाराष्ट्र के मंत्री पद की शपथ लेने पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ” छगन भुजबल जी पहले भी मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने कई विभागों को लीड किया है और वो एक अनुभवी नेता हैं…मैं उनको बहुत बधाई देता हूं…उनके अनुभव का निश्चित रूप से सरकार को फायदा होगा’
वहीं, महाराष्ट्र के मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद NCP नेता छगन भुजबल ने कहा, “…यह मुख्यमंत्री तय करेंगे। मुझे जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, वह ठीक रहेगी..
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उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने छगन भुजबल को बधाई देते हुए कहा कि सरकार को उनके अनुभव का लाभ मिलेगा।शपथ लेने से पहले मीडिया से बात करते हुए भुजबल ने कहा, ‘अंत भला तो सब भला।’
बता दें कि, उनकी यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब महाराष्ट्र में नगर निकाय चुनाव नजदीक हैं। ओबीसी वर्ग के एक मजबूत नेता के रूप में भुजबल को महायुति और एनसीपी दोनों के लिए एक रणनीतिक संपत्ति माना जा रहा है।
भुजबल ने अखिल भारतीय महात्मा फुले समता परिषद के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण को फिर से बहाल कराया, जिससे समुदाय में उनकी पकड़ और प्रभाव और भी मजबूत हुआ।
बताया जा रहा है कि उन्हें पहले कैबिनेट से बाहर रखा गया था, क्योंकि वे अपने बेटे पंकज भुजबल के लिए विधान परिषद की सीट की मांग को लेकर पार्टी में कुछ आंतरिक असहमति के कारण विवाद में थे।