दिल्ली नगर निगम (MCD) के मेयर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने बड़ा फैसला लेते हुए ऐलान किया है कि वह इस बार मेयर पद का चुनाव नहीं लड़ेगी। पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस निर्णय की जानकारी दी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जमकर निशाना साधा।
आतिशी ने कहा कि बीजेपी लोकतंत्र की मर्यादाओं का उल्लंघन करती आ रही है और जहां भी चुनाव हारती है, वहां “साम, दंड, भेद” की नीति अपनाकर सत्ता हासिल करने की कोशिश करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने एमसीडी के पुनर्गठन, वार्डों की संख्या घटाने और चुनावों को जानबूझकर टालने जैसे कदम उठाए, लेकिन इसके बावजूद 2022 में आम आदमी पार्टी ने बहुमत के साथ जीत हासिल की।
“बीजेपी ने पार्षदों को तोड़कर बढ़ाई संख्या” – आतिशी
आतिशी ने दावा किया कि बीते ढाई सालों में बीजेपी ने AAP के पार्षदों पर दबाव बनाकर उन्हें तोड़ने की लगातार कोशिश की और कुछ को अपने पक्ष में मिला भी लिया। उन्होंने कहा, “हम न पार्षद खरीदते हैं, न विधायक तोड़ते हैं। हम दिल्ली की जनता का सम्मान करते हैं।” इसी के चलते आम आदमी पार्टी ने मेयर चुनाव से दूरी बनाने का फैसला किया है।
“दिल्ली में ट्रिपल इंजन की सरकार” – सौरभ भारद्वाज
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने भी बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली में अब बीजेपी को पूरा मौका है कि वह ट्रिपल इंजन की सरकार के जरिए राजधानी के लोगों के लिए काम करे। उन्होंने कहा कि एक इंजन बीजेपी की केंद्र सरकार है, दूसरा नगर निगम और तीसरा उपराज्यपाल।
बीजेपी का पलटवार
वहीं, बीजेपी ने AAP के इस फैसले को ‘त्याग का नाटक’ करार दिया है। दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि आम आदमी पार्टी न सिर्फ निगम में बहुमत खो चुकी है, बल्कि पिछले ढाई साल में MCD का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि AAP और कांग्रेस के बीच आगामी दिनों में गठबंधन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
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दिल्ली नगर निगम की राजनीति में यह घटनाक्रम आने वाले समय में कई और मोड़ ले सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी निगम में अपनी सत्ता को किस तरह आगे बढ़ाती है और क्या वास्तव में दिल्ली वालों के लिए वादों के मुताबिक काम कर पाती है या नहीं।