केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिहार की राजधानी पटना में किसानों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा हैं। हम देश के किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास करेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले से संबोधन में कहा है कि हम तीन गुना तेजी से काम करेंगे और देश के किसानों का कल्याण करने का पूरा प्रयास करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने स्टॉल देखे- मखाना, चावल, शहद, मक्का, चाय सब कुछ अद्भुत है। उन्होंने बिहार के किसानों का आभार व्यक्त किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे पास जमीन के बड़े टुकड़े नहीं हैं, 91 प्रतिशत सीमांत किसान हैं, लेकिन फिर भी किसान कमाल कर रहे हैं।
कृषि और किसान मेरे दिल में बसते हैं। हरदम, हरपल यही भाव रहता है कि कैसे खेती को विकसित और किसानों को समृद्ध बनाऊं।
आज पटना के कृषि भवन में किसान साथियों से संवाद का अवसर प्राप्त हुआ। साथ ही किसानों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी निरीक्षण किया।
इस दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री… pic.twitter.com/czWPhLujqP
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 23, 2024
कृषि मंत्री और किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने खेती में आय दोगुनी करने का अभियान शुरू किया है और उनके पास किसानों के लिए 6 सूत्र हैं, जिन पर वे काम कर रहे हैं। पहला उत्पादन बढ़ाना, जिसके लिए अच्छे बीज जरूरी हैं। उत्पादन अच्छा है, लेकिन संभावनाएं और भी हैं। फल, सब्जी, अनाज, दलहन और तिलहन के अच्छे बीज जरूरी हैं। उन्हें प्रसन्नता है कि प्रधानमंत्री ने 65 फसलों के बीजों की 109 प्रजातियां किसानों को समर्पित की हैं।
खेती में उत्पादन बढ़ाने के लिए सबसे जरूरी है, अच्छे बीज। pic.twitter.com/3DYJ9b9P8S
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उन्होंने बताया कि चावल की एक किस्म ऐसी है जिसे 30 फीसदी कम पानी की जरूरत होती है। बाजरा की एक किस्म ऐसी है जिसकी फसल 70 दिन में तैयार हो जाती है। ऐसे बीज हैं, जो जलवायु के अनुकूल हैं और बढ़ते तापमान में भी बेहतर उत्पादन देते हैं। यहां के किसानों को बीज उपलब्ध हो, इसके लिए वे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से बात करेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उत्पादन की लागत कम करना उनका दूसरा संकल्प है, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से किसानों को काफी मदद मिलती है, किसान क्रेडिट कार्ड से खाद के लिए सस्ते ऋण मिलते हैं। तीसरा संकल्प उपज का सही मूल्य दिलाना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार का मखाना धूम मचा रहा है और एक्सपोर्ट क्वालिटी का मखाना तैयार हो रहा है और जब इसका निर्यात होता है तो किसानों को अधिक लाभ होता है। केंद्रीय मंत्री ने भरोसा दिलाया कि वे इससे संबंधित एक कार्यालय बिहार में खोलने का प्रयास करेंगे।
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कृषि मंत्री ने कहा कि अगली बार वे खेतों में ही कार्यक्रम करेंगे, व्यावहारिक समस्याओं पर भी विचार करेंगे। किसान के बिना दुनिया नहीं चल सकती। बाकी चीजें तो फैक्ट्री में बन जाएंगी, लेकिन गेहूं-चावल कहां से लाओगे? हम सब मिलकर काम करेंगे।