संपूर्ण क्रांति के प्रणेता, लोकनायक और जननायक नाम से मशहूर जयप्रकाश नारायण की आज 122वीं जयंती है। जिस पर उत्तर प्रदेश में सियासी पारा चढ़ गया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव श्रद्धांजलि के लिए जेपी सेंटर में अड़े रहे। क्योंकि सरकार ने उनके कैंपस में जाने पर रोक लगा दी और भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया।
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इसके बाद भी अखिलेश यादव घर से निकले लेकिन उनसे पहले ही कार्यकर्ता जेपी की प्रतिमा लेकर पहुंच गए और अखिलेश ने बीच सड़क पर ही माल्यार्पण कर दिया। जिसके बाद से अब यूपी में सियासत तेज हो गई है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “जयप्रकाश नारायण की जयंती के दिन JPNIC के म्यूजियम में जाकर उनकी जयंती मनाते हैं लेकिन पता नहीं क्या कारण है कि आज सरकार हमें रोक रही है, माल्यार्पण नहीं करने दे रही है। भाजपा ने हर अच्छा काम रोका है लेकिन आज हम लोग सड़क पर खड़े होकर अगर जयप्रकाश नारायण को याद भी कर रहे हैं तो ये सरकार हमें रोकना चाहती है कि हम माल्यार्पण न करें लेकिन हम लोगों ने यहां सड़क पर ही माल्यार्पण कर दिया।
जयप्रकाश नारायण के नाम पर जो इमारत बनाई गई है, उसे इसलिए ढका गया है क्योंकि उसके पीछे साजिश है। साजिश ये है कि वे उसे बेचना चाहते हैं। ऐसी सरकार जो म्यूजियम बेच रही हो उससे क्या उम्मीद की जा सकती है। समाजवादी पार्टी के लोग हर साल उनकी जयंती मनाते रहे हैं और उसी तरह से मनाते रहेंगे… हम लोग वहीं जाकर भारत रत्न जयप्रकाश नारायण को सम्मान देने का काम करेंगे। यह सरकार गूंगी-बहरी तो है ही लेकिन आज कल इसे दिखाई भी नहीं दे रहा है। सही मायने में यह एक विनाशकारी सरकार है।
बहुत से समाजवादी लोग सरकार में हैं जो सरकार को चला रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके (जय प्रकाश नारायण) आंदोलन से निकले हैं, यह नीतीश कुमार के लिए उस सरकार से समर्थन वापस लेने का मौका है जो समाजवादियों को जय प्रकाश नारायण की जयंती पर श्रद्धांजलि देने की अनुमति नहीं दे रही है’।