सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाती एवं जनजाति के आरक्षण में क्रीमीलेयर और कोटा के अंदर कोटा पर दिया गया फैसला पर कई संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है। विपक्षी दलों ने तो इस भारत बंद का समर्थन किया ही है। साथ में मोदी सरकार में शामिल दलों ने भी समर्थन किया है।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान उतरे समर्थन में
मोदी सरकार में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भारत बंद का समर्थन किया है। चिराग ने कहा कि अनुसूचित जाती एवं जनजाति के भेदभाव का आधार छुआछूत रहा है। आज भी यह हो रहा है। इसलिए क्रीमीलेयर जैसे प्रावधान इसमें नहीं जोड़े जाने चाहिए। उन्होंने बताया कि कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री ने भरोसा दिलाया है कि क्रीमीलेयर का प्रावधान इसमें नहीं जोड़ा जाएगा।
जीतनराम मांझी ने किया विरोध
मोदी सरकार में मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने भारत बंद का विरोध किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ संपन्न दलित झूठी बात करके आरक्षण खत्म करने का भ्रम फैला रहे हैं। मांझी ने कहा, ‘जो लोग आज बंद का समर्थन कर रहे हैं, वे वही हैं जिन्होंने पहले भी आरक्षण के नाम पर अपनी स्थिति को मजबूत किया और बाकी दलित समुदाय कोपीछे छोड़ दिया.’ मांझी ने कहा कि कई दलित समुदाय के लोग अभी भी अत्यधिक गरीबी में जी रहे हैं, जबकि कुछ अन्य लोग, जिन्हें उन्होंने ‘D4’ कहा, आरक्षण का लाभ उठाकर बेहतर जीवन जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी 18 जातियां अलग हैं और हम अलग आरक्षण की मांग करते हैं।
यह भी पढ़ें: निर्भया कांड के बाद बनी जेएस वर्मा समिति ने कार्यस्थल पर महिलाओं को लेकर क्या सिफारिशें की थी?
मायावती ने किया समर्थन
बसपा प्रमुख मायावती ने भारत बंद का समर्थन करते हुआ कहा कि भाजपा व कांग्रेस आदि पार्टियों के आरक्षण विरोधी षडयंत्र एवं इसे निष्प्रभावी बनाकर अन्ततः खत्म करने की मिलीभगत के कारण 1 अगस्त 2024 को SC/ST के उपवर्गीकरण व इनमें क्रीमीलेयर सम्बंधी मा. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध इनमें रोष व आक्रोश। उन्होंने कहा कि 3. एससी-एसटी के साथ ही ओबीसी समाज को भी आरक्षण का मिला संवैधानिक हक इन वर्गों के सच्चे मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अनवरत संघर्ष का परिणाम है, जिसकी अनिवार्यता व संवेदनशीलता को भाजपा, कांग्रेस व अन्य पार्टियाँ समझकर इसके साथ भी कोई खिलवाड़ न करें।