भारत में डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में हर दिन बदलाव हो रहे हैं, और इसी कड़ी में अब एक महत्वपूर्ण बदलाव सामने आया है। अगर आप UPI पेमेंट ऐप (Unified Payments Interface) का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत काम की हो सकती है। दरअसल, 1 फरवरी 2025 से कोई भी UPI ऐप ट्रांजेक्शन ID में स्पेशल कैरेक्टर का उपयोग नहीं कर पाएगा।
क्या है नया नियम?
नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनके तहत UPI ट्रांजेक्शन ID को जनरेट करते वक्त केवल अल्फान्यूमेरिक (अक्षर और नंबर) कैरेक्टर का ही इस्तेमाल किया जाएगा। यानी अब से UPI ऐप्स में स्पेशल कैरेक्टर्स जैसे @, #, %, &, आदि का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। अगर कोई ऐप इस नए आदेश का पालन नहीं करता है, तो उस पेमेंट को सेंट्रल सिस्टम द्वारा ऑटोमेटिकली कैंसिल कर दिया जाएगा।
कैसे होगा इसका असर?
यह बदलाव मुख्य रूप से बिजनेस यूजर्स के लिए जारी किया गया है, लेकिन इसका प्रभाव आम ग्राहकों पर भी पड़ने वाला है। जब ऐप्स ट्रांजेक्शन ID में स्पेशल कैरेक्टर का उपयोग नहीं कर सकेंगे, तो ग्राहकों को पेमेंट करने में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं होगा। यह कदम डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और भी अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
क्यों किया जा रहा है यह बदलाव?
NPCI का उद्देश्य UPI ट्रांजेक्शन ID जनरेट करने की प्रक्रिया को स्टैंडर्ड बनाना है, ताकि सभी UPI पेमेंट ऐप्स एक समान तरीके से काम करें और कोई भी तकनीकी परेशानी न आए। इसके साथ ही, यह कदम डिजिटल पेमेंट के अनुभव को और अधिक सहज और विश्वसनीय बनाने के लिए उठाया गया है।
पहले भी जारी किए गए थे ऐसे आदेश
NPCI ने इस तरह के आदेश पहले भी जारी किए थे। पिछले साल मार्च में, NPCI ने यह निर्देश दिए थे कि ट्रांजेक्शन ID को 35 कैरेक्टर तक सीमित किया जाए। इससे पहले, UPI ट्रांजेक्शन ID में 4 से लेकर 35 कैरेक्टर तक हो सकते थे। इस बदलाव के साथ अब सभी UPI ट्रांजेक्शन ID में केवल अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर होंगे, जिससे सिस्टम की कार्यक्षमता और प्रक्रिया दोनों ही बेहतर होंगे।
UPI का डिजिटल पेमेंट में बढ़ता हुआ योगदान
भारत में डिजिटल पेमेंट की दुनिया में UPI का योगदान तेजी से बढ़ रहा है। RBI की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में UPI की डिजिटल पेमेंट में हिस्सेदारी बढ़कर 83 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो 2019 में सिर्फ 34 प्रतिशत थी। इसके विपरीत, NEFT, RTGS, IMPS, क्रेडिट और डेबिट कार्ड जैसे अन्य पेमेंट माध्यमों का हिस्सा घटकर 17 प्रतिशत रह गया है। यह बदलाव UPI की बढ़ती लोकप्रियता और विश्वास को दर्शाता है।
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1 फरवरी 2025 से लागू होने वाला यह नया नियम UPI पेमेंट्स को और भी सुरक्षित और कुशल बनाएगा। इसके साथ ही, डिजिटल पेमेंट के अनुभव में सुधार आएगा। उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने पेमेंट ऐप्स को अपडेट रखें ताकि वे इस नए आदेश का पालन कर सकें और बिना किसी समस्या के पेमेंट कर सकें।