बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हलचल तेज हो गई है। अब आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी राज्य की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री और आप के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने बुधवार (11 जून) को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने साफ किया कि पार्टी बिहार में किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी और अकेले चुनाव लड़ेगी।
कांग्रेस पर तगड़ा प्रहार
एक न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में सौरभ भारद्वाज ने कांग्रेस पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि “गुजरात के उपचुनाव में आपसी समझ के बावजूद कांग्रेस ने अपनी बात नहीं निभाई। हमने चार सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार होने की वजह से चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन जब हमारी जीती हुई सीट पर उपचुनाव हुआ, तब कांग्रेस ने भी वहां अपना उम्मीदवार उतार दिया। ये गठबंधन धर्म नहीं है।” उन्होंने आगे कहा कि हालांकि अंतिम निर्णय पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) में लिया जाएगा, लेकिन बिहार में पार्टी अकेले अपने दम पर मैदान में उतरेगी।
बीजेपी को घेरा, कहा- बिहारियों को किया जा रहा है बेघर
सौरभ भारद्वाज ने भारतीय जनता पार्टी पर भी सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि *“दिल्ली में बिहार के लोगों के रोज़गार छीन लिए जा रहे हैं और जहां-जहां उन्होंने छोटे-छोटे घर बनाए थे, उन्हें बुलडोजर से गिराया जा रहा है। भाजपा सरकार उन्हें दिल्ली से भगाने का काम कर रही है। ऐसे में बिहार के लोग भाजपा को ही बिहार से भगा सकते हैं।”
‘झूठ बोलना बीजेपी की नीति’
पूर्व मंत्री ने दिल्ली की मुख्यमंत्री के एक बयान का उदाहरण देते हुए कहा, “31 मई को मुख्यमंत्री कहती हैं कि एक भी झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी। लेकिन अगले ही दिन मद्रासी कैंप में करीब 800 झुग्गियां तोड़ दी जाती हैं। भाजपा की नीति ही झूठ बोलने की है। इतना झूठ बोलो कि लोग उसे सच मानने लगें।”
चुनाव में तीसरी ताकत बनना चाहती है आप
आम आदमी पार्टी की इस घोषणा के बाद बिहार की सियासत में तीसरे विकल्प की संभावना फिर से चर्चा में आ गई है। जहां एक ओर राज्य में महागठबंधन बनाम NDA की सीधी टक्कर मानी जा रही थी, वहीं अब AAP के मैदान में उतरने से मुकाबला रोचक हो सकता है।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी का अकेले सभी सीटों पर उतरने का फैसला राज्य की सियासत को एक नया मोड़ दे सकता है। कांग्रेस और भाजपा दोनों पर तीखा प्रहार कर AAP ने साफ कर दिया है कि वह न सिर्फ मैदान में है, बल्कि विकल्प बनने की मंशा से उतर रही है। अब देखना यह होगा कि बिहार की जनता आप के इस फैसले को किस तरह से स्वीकार करती है।