देश आज जननायक भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर का जन्म-शताब्दी मना रहा है। भारत सरकार ने कल यानि 23 जनवरी को उनके शताब्दी जन्मदिवस के पूर्व संध्या पर उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न देने का एलान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके सौवें जन्मदिवस पर कहा कि देशभर के मेरे परिवारजनों की ओर से जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी जन्म-शताब्दी पर मेरी आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। इस विशेष अवसर पर हमारी सरकार को उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। भारतीय समाज और राजनीति पर उन्होंने अविस्मरणीय छाप छोड़ी है।
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इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि बेहद गरीबी और सामाजिक असमानता जैसी चुनौतियों से लड़ते हुए वे राष्ट्र जीवन में बहुत ऊंचे मुकाम पर पहुंचे थे। वे दो बार बिहार के मुख्यमंत्री भी रहे थे और इसके बावजूद, उन्होंने अपना निर्मल स्वभाव और समाज के लिए काम करना कभी नहीं छोड़ा। जननायक कर्पूरी ठाकुर हमेशा अपनी सादगी के लिए जाने जाते रहे। उनका पूरा जीवन सामाजिक न्याय और वंचितों के उत्थान के लिए समर्पित रहा। आज भी उनकी ईमानदारी की मिसाल दी जाती है।
सीएम नीतीश कुमार ने जताया पीएम मोदी का आभार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलने पर कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और महान समाजवादी नेता स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया जाना हार्दिक प्रसन्नता का विषय है। केंद्र सरकार का यह अच्छा निर्णय है। स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी 100वीं जयंती पर दिया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान दलितों, वंचितों और उपेक्षित तबकों के बीच सकारात्मक भाव पैदा करेगा। हम हमेशा से ही स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को ‘भारत रत्न’ देने की मांग करते रहे हैं। वर्षों की पुरानी मांग आज पूरी हुई है। इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को धन्यवाद।
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सीएम नीतीश कुमार ने आज कर्पूरी ठाकुर के जन्म-शताब्दी समारोह को सम्बोधित करते हुए परिवारवाद पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर ने अपने परिवार को राजनीति में आगे नहीं बढ़ाया। कर्पूरी ठाकुर जब तक जिन्दा रहें अपने बेटे को आगे नहीं किया। उनके निधन के बाद जेडीयू ने उनके बेटे रामनाथ को राज्यसभा भेजा। सीएम नीतीश ने खुद को उनका अनुयायी बताते हुआ कहा कि हमने भी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया। हम दूसरे को मौका देते रहें।
सीएम नीतीश का परिवारवाद पर दिया गया यह बयान राजद और लालू यादव पर कटाक्ष के रूप में देखा जा रहा है। नीतीश कुमार अभी बिहार में लालू यादव की पार्टी राजद के साथ गठबंधन में सरकार चला रहें हैं। पिछले कई दिनों से कयास लगाया जा रहा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदल सकते हैं और अपने पुराने सहयोगी बीजेपी के साथ गठबंधन कर सकते हैं।
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कर्पूरी ठाकुर बिहार के 11 वें मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार दिसंबर 1970 से जून 1971 तक और दूसरी बार जून 1977 से अप्रेल 1979 तक मुख्यमंत्री रहें। वे बिहार के दूसरे मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री भी रहें। शिक्षा मंत्री के रूप में उनका सबसे बड़ा फैसला मेट्रिक यानि दसवीं की परीक्षा में इंग्लिश की अनिवार्यता ख़त्म कर दी। इसके पीछे का कारण था कि पिछड़े वर्ग के लोग दसवीं की परीक्षा इंग्लिश की वजह से पास नहीं कर पाते थें और उन्हें शादी एवं अन्य सामाजिक कार्यों में बाधा आती थी।
जननायक कर्पूरी ठाकुर के रजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया और जय प्रकाश नारायण थें। कर्पूरी ठाकुर अपने सादगी के लिए जाने जाते थें।