भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश के कैसरगंज लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद बृजभूषण सिंह का टिकट काट कर उसके बेटे करण भूषण सिंह को उम्मीदवार बनाया है। वहीं रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी इसबार यूपी में 75 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वहीं इंडिया गठबंधन की ओर से अबतक इस दोनों सीट के लिए उम्मीदवार का एलान नहीं किया गया है।
कौन है करण भूषण सिंह?
करण भूषण सिंह ने ऑस्ट्रेलिया से बिजनेस मैनेजमेंट की पढाई की है। वे डबल ट्रैप शूटिंग के नेशनल खिलाडी रह चुके हैं। अभी वह उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। वह 3 मई को नामांकन कर सकते हैं।
कौन है दिनेश प्रताप सिंह
दिनेश प्रताप सिंह वर्तमान में योगी सरकार में स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री हैं। दिनेश प्रताप सिंह कांग्रेस से सबसे पहले 2010 और 2016 में एमएलसी बनें। 2017 में उनका एक भाई कांग्रेस से विधायक भी बना। 2019 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए। इन्हें गांधी परिवार का करीबी माना जाता था। 2019 में रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ चुकें हैं। इनको एक लाख 67 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।
भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने आगामी लोकसभा चुनाव 2024 हेतु अपनी 17वीं सूची में निम्नलिखित दो नामों पर अपनी स्वीकृति प्रदान की है। pic.twitter.com/BzbzxikzVM
— BJP (@BJP4India) May 2, 2024
बृजभूषण सिंह पर लगा यौन उत्पीड़न का आरोप
कैसरगंज के मौजूदा सांसद बृजभूषण सिंह भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं। इस दौरान उन पर महिला पहलवानों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा। आरोप लगाने वालों में ओलम्पिक पदक विजेता का नाम भी शामिल रहा। इस करण बीजेपी इस बार बृजभूषण सिंह को टिकट नहीं देना चाह रही। उसके बदले उसके छोटे बेटे करण सिंह को टिकट मिल सकता है। आपको बताते चलें करण सिंह के बड़े भाई प्रतिक भूषण अभी बीजेपी से ही विधायक हैं।
बृजभूषण सिंह सपा से भी रह चुके हैं सांसद
बृजभूषण शरण सिंह अबतक कुल छह बार लोकसभा का सांसद बन चुके हैं। वे दो बार गोंडा, एक बार बहराइच और कैसरगंज से तीन बार सांसद बन चुके हैं। वह सपा के टिकट पर भी लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। कैसरगंज से जब वह पहली बार चुनाव जीते थें तो वे सपा के टिकट पर ही लड़े थें। 2008 में अविश्वास प्रस्ताव पर उन्होंने क्रॉस वोटिंग की थी जिसके कारण बीजेपी ने पार्टी से निलंबित कर दिया था।
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उसके बाद वो 2009 में सपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ कर लोकसभा पहुंचे। 2014 लोकसभा चुनाव से पहले वे बीजेपी में शामिल हुए। बीजेपी ने उन्हें 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में कैसरगंज से उम्मीदवार बनाया और वे दोनों बार जीतकर लोकसभा का सदस्य बनें।