नई वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को एक बड़ा तोहफा दिया है। शुक्रवार को केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA) में 2 फीसदी का इजाफा करने का निर्णय लिया है। इस बढ़ोतरी के बाद DA 53 फीसदी से बढ़कर 55 फीसदी हो गया है, जिससे लाखों कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी होगी।
DA क्या है और क्यों मिलता है?
Dearness Allowance (DA), यानी महंगाई भत्ता, सरकारी कर्मचारियों को महंगाई के प्रभाव से बचाने के लिए दिया जाता है। इसकी मंशा यह होती है कि महंगाई के चलते कर्मचारियों की वास्तविक आय में गिरावट न आए। जबकि बेसिक सैलरी हर 10 साल में पे कमीशन के द्वारा तय की जाती है, DA को हर 6 महीने में संशोधित किया जाता है, ताकि कर्मचारियों को महंगाई का प्रभाव कम से कम हो। पिछली बार जुलाई 2024 में DA को 50 फीसदी से बढ़ाकर 53 फीसदी किया गया था।
DA कब और कैसे बढ़ता है?
केंद्र सरकार साल में दो बार, जनवरी और जुलाई में महंगाई भत्ते को बढ़ाती है। हालांकि, सरकार इसकी घोषणा देर से कर सकती है, लेकिन DA की गणना जनवरी और दिसंबर के महंगाई आंकड़े, AICPI-IW (All India Consumer Price Index for Industrial Workers) के आधार पर की जाती है। यह आंकड़ा श्रम मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है।
यह ध्यान देने वाली बात है कि कैबिनेट का यह फैसला सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए लागू होता है। हालांकि, राज्य सरकारें आमतौर पर केंद्र के फैसले का अनुसरण करती हैं, लेकिन वे इसे अलग समय पर या अलग दर पर बढ़ा सकती हैं।
AICPI-IW इंडेक्स क्या है?
AICPI-IW (All India Consumer Price Index for Industrial Workers) महंगाई का पैमाना है, जिसे श्रम मंत्रालय के तहत लेबर ब्यूरो जारी करता है। इसके आधार पर ही DA की गणना की जाती है, और यह महंगाई के प्रभाव को समझने के लिए महत्वपूर्ण मापदंड होता है।
DA हाइक से कितना फायदा होगा?
अगर किसी सरकारी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 50,000 रुपये है, तो पहले (53 फीसदी DA) के हिसाब से उसे 26,500 रुपये महंगाई भत्ता मिलता था। लेकिन अब 2 फीसदी बढ़ोतरी के बाद DA 55 फीसदी हो गया है, जिससे कर्मचारी को अब 27,500 रुपये महंगाई भत्ता मिलेगा। यानी हर महीने 1,000 रुपये का अतिरिक्त फायदा होगा।
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केंद्र सरकार द्वारा DA में 2 फीसदी की बढ़ोतरी से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में महत्वपूर्ण इजाफा होगा, जो महंगाई से मुकाबला करने में मदद करेगा। यह कदम कर्मचारियों के लिए खुशी की बात है और उन्हें एक वित्तीय राहत प्रदान करेगा। अब देखना यह होगा कि राज्य सरकारें भी इस फैसले का अनुसरण करती हैं या नहीं।