दिल्ली के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह की तारीख आखिरकार घोषित कर दी गई है। 20 फरवरी को शाम 4:30 बजे रामलीला मैदान में दिल्ली के नए मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट सदस्य शपथ लेंगे। इस शपथ ग्रहण समारोह के लिए रामलीला मैदान में तैयारियाँ जोरों पर हैं और बीजेपी ने भी इस अवसर को भव्य बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकी है।
बीजेपी की बैठक में तय होंगे अंतिम विवरण
शपथ ग्रहण समारोह और सरकार गठन को लेकर बीजेपी ने बैठक बुलायी है, जो आज शाम होगी। इस बैठक में विधायक दल की बैठक के समय और तारीख पर चर्चा की जाएगी। बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े और तरूण चुग इस बैठक में उपस्थित रहेंगे, साथ ही दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और पार्टी संगठन के अन्य पदाधिकारी भी शामिल होंगे। शपथ ग्रहण के लिए बैठने की व्यवस्था, गेस्ट लिस्ट और अन्य तैयारियों को इस बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा।
बीजेपी की ऐतिहासिक जीत, दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में वापसी
बीजेपी ने 5 फरवरी को हुए विधानसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल की थी। यह दिल्ली में बीजेपी की 27 साल बाद सत्ता में वापसी है। बीजेपी ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 48 पर जीत दर्ज की, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) को 22 सीटों पर संतोष करना पड़ा। विधानसभा चुनाव नतीजों की घोषणा 8 फरवरी को हुई थी, लेकिन शपथ ग्रहण समारोह में हो रही देरी को लेकर विपक्षी पार्टियां सवाल उठा रही हैं।
सीएम पद की रेस में कौन-कौन हैं दावेदार?
दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए कई नेता दावेदार हैं। इनमें प्रमुख नामों में प्रवेश वर्मा, दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और सतीश उपाध्याय शामिल हैं। इसके अलावा पवन शर्मा, आशीष सूद, रेखा गुप्ता और शिखा राय जैसे नेताओं को भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है। प्रवेश वर्मा ने विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली सीट पर आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को हराया था और वे जाट बिरादरी से आते हैं, जो उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बना सकता है।
हालांकि, पार्टी के अंदर कुछ नेताओं का मानना है कि बीजेपी नेतृत्व नवनिर्वाचित विधायकों में से किसी एक पर दांव लगा सकता है, जैसा कि राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में किया गया था।
विपक्ष का हमला, शपथ ग्रहण में देरी पर सवाल
दिल्ली के कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी ने शपथ ग्रहण में हो रही देरी पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि चुनाव परिणामों के बाद दस दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक शपथ ग्रहण समारोह नहीं हो पाया। उन्होंने कहा, “दिल्ली वालों को उम्मीद थी कि 10 फरवरी को शपथ ग्रहण होगा, लेकिन अब तक यह नहीं हुआ। यह साबित करता है कि बीजेपी के पास दिल्ली की सरकार चलाने के लिए कोई मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं है।”
यह भी पढ़ें: चैंपियंस ट्रॉफी 2025: पाकिस्तान ने भारत का झंडा नहीं लगाया
दिल्ली की राजनीति में इन दिनों काफी हलचल है। बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद मुख्यमंत्री के नाम को लेकर बढ़ती चर्चा और शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी की रफ्तार से यह स्पष्ट है कि दिल्ली में अगले कुछ दिनों में नए मुख्यमंत्री का नाम सामने आएगा। शपथ ग्रहण समारोह के बाद, दिल्ली की नई सरकार के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लेने का समय आ जाएगा।