दिल्ली एलजी विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली की सीएम आतिशी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा कि आपको मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के अवसर पर भी मैंने आपको हृदय से बधाई और शुभकामनाएँ दी थीं, और तब से अब तक की अवधि में, मैंने अपने ढाई साल के कार्यकाल में पहली बार मुख्यमंत्री पद पर आसीन व्यक्ति को मुख्यमंत्री का काम करते देखा। जहाँ आपके पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री के पास सरकार का एक भी विभाग नहीं था और न ही वह फाइलों पर हस्ताक्षर किया करते थे, वहीं आपने अनेक विभागों का दायित्व लेते हुए प्रशासन के विभिन्न मुद्दों पर काम करने का प्रयास किया।
उपराज्यपाल ने कहा कि परन्तु कुछ दिन पूर्व, आपके पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा मीडिया में आपको सार्वजनिक रूप से एक अस्थायी काम चलाऊ मुख्यमंत्री घोषित किया जाना मुझे बहुत आपत्तिजनक लगा और में इससे आहत हुआ। यह न केवल आपका अपमान था, बल्कि आपकी नियोक्ता महामहिम भारत की राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधि के रूप में, मेरा भी अपमान था। अस्थायी अथवा काम चलाऊ मुख्यमंत्री की जो सार्वजनिक व्याख्या श्री केजरीवाल ने की, उसका कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है और यह बाबा साहब आम्बेडकर द्वारा रचित संविधान में निहित लोकतांत्रिक भावना और मूल्यों की निंदनीय अवहेलना भी है।
यह सर्वविदित है कि आपको किन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री बनाया गया। पिछले दस सालों में यमुना की बदतर हालत हो या पीने के पानी की भयंकर कमी, कचरे के पहाड़ों का मुद्दा या औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, सड़कों और सीवर लाइन की दुर्दशा हो या स्वास्थ्य की चरमराती व्यवस्था, अनाधिकृत कालोनियों में सुविधाओं का घोर अभाव हो या झुग्गी बस्तियों में नारकीय जीवन, एक मुख्यमंत्री द्वारा, जिसको अस्थाई और काम चलाऊ घोषित किया जा चुका हो, तीन-चार महीने में कुछ भी कर पाना कितना संभव है, यह सभी जानते हैं। इन क्षेत्रों में अपनी विफलताओं को आपके नेता ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार भी किया है, परन्तु मुख्यमंत्री के रूप में अब इन सभी क्षेत्रों में विफलताओं की ज़िम्मेदारी आपकी ही मानी जायेंगी।
दिल्ली एलजी ने कहा कि जिस प्रकार से, केजरीवाल द्वारा, आपकी उपस्थिति में, अनाधिकृत रूप से वरिष्ठ नागरिकों एवं मुख्यमंत्री के नाम पर ही महिलाओं सम्बंधित योजना की हवाई घोषणाएं की जा रही हैं, इससे सीएम के पद तथा मंत्री परिषद् की गरिमा भी धूमिल हुई है।
हाल ही में, दिल्ली सरकार के दो विभागों द्वारा प्रेस में जारी सार्वजनिक नोटिस के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा अस्तित्वहीन योजनाओं हेतु पंजीकरण कराए जाने के संबंध में लोगों को सावधान रहने को कहा गया है। यह घटना अभूतपूर्व है और आपके लिए निश्चय ही असहज करने वाला रहा होगा।
हालांकि, में उन विभागीय अधिकारियों की सराहना भी करता हूँ जिन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए जनहित में भ्रामक योजनाओं और उनके पंजीकरण के संबंध में सही तथ्यों को जनता के सामने पेश किया।
उपराज्यपाल ने कहा कि इसी प्रकार केजरीवाल बिना किसी आधार या तथ्य के, आपके खिलाफ परिवहन विभाग तथा अन्य जांच एजेंसियों द्वारा जांच कर आपको जेल भेजने की बात सार्वजनिक रूप से कह रहे हैं। यह असत्य तो है ही, ऐसे बयानों से यह भी इंगित होता है कि आपको अपने ही अधीन काम करने वाले विभागों के क्रियाकलापों की कोई खबर नहीं है। बल्कि आज तो अखबार के माध्यम से यह भी ज्ञात हुआ कि परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने स्वयं आपको लिखकर सूचित किया है कि न तो उनके अथवा सतर्कता विभाग की तरफ से ऐसी कोई कार्रवाई की जा रही है और न ही कभी ऐसा करने की बात हुई। उन्होंने, श्री केजरीवाल के बयानों को पूरी तरह से नकारते हुए उन्हें तथ्यविहीन और भ्रामक बताया है।
दिल्ली एलजी ने कहा कि उपराज्यपाल होने के नाते में इस स्तर के public discourse से चिंतित हूँ और साथ ही, मेरी सरकार की पूर्णकालिक मुख्यमंत्री को, अस्थाई मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तुत करने के संभाषण से आहत हूँ।