शहरों में ईज ऑफ लिविंग (जीवन को सुगमता) के लिए तो लगातार प्रयास किए जाते रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार अब ग्रामीण भारत में इसे बढ़ाने के लिए मिशन मोड पर काम करेगी। पंचायतीराज संस्थाओं के माध्यम से नागरिक केंद्रित सेवाओं को तेज गति से धरातल पर उतारने के लिए पंचायतीराज मंत्रालय पूरे रोडमैप के साथ काम शुरू करने जा रहा है। इससे संबंधित अनुभव, अवसर और चुनौतियों पर विस्तृत मंथन के लिए देशभर में चार कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। पहली कार्यशाला हैदराबाद में ”ईज ऑफ लिविंग: जमीनी स्तर पर सेवा प्रदायगी को बढ़ावा देना” शीर्षक पर 22 अक्टूबर को हुई, जिसमें सात राज्य शामिल हुए।
पंचायतीराज मंत्रालय द्वारा हैदराबाद स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ रूरल डेवलपमेंट एंड पंचायतीराज में आयोजित की गई इस कार्यशाला में आंध्र प्रदेश, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, मिजोरम, ओडिशा और तेलंगाना के पंचायतीराज संस्थाओं के जनप्रतिनिधि व संबंधित अधिकारी ने भाग लिया। यहां कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण और सार्वजनिक वितरण प्रणाली से संबंधित 29 विभागों की जनता से जुड़ी सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई।
पंचायतीराज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज की अध्यक्षता में हुई कार्यशाला में आमंत्रित प्रतिनिधि ने जनता केंद्रित सेवाओं से जुड़े अपने अनुभव, अवसर और चुनौतियों के बारे में बताया। इस सम्मेलन का उद्देश्य जन सेवाओं को धरातल पर उतारते हुए गांवों में इंज आफ लिविंग को साकार करने के लिए राज्यों की रणनीति, अच्छे कार्यों और सुझावों को साझा करते हुए समग्रता में रोडमैप तैयार करना है।
श्री विवेक भारद्वाज, सचिव, पंचायती राज मंत्रालय ने कहा कि अगले कुछ महीनों में हम 20 देशों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित करेंगे, ताकि उन्हें हमारी योजनाओं और पंचायत व्यवस्थाओं के लाभ दिखा सकें।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुसार गांवों में नागरिक केंद्रित योजनाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लक्ष्य को हासिल करने की ओर बढ़ना है। नेशनल इंस्टीट्यूट आफ रूरल डेवलपमेंट एंड पंचायतीराज ने भी अपना विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया। राज्यों से आए हुए प्रतिनिधियों को बताया गया कि सेवा की पहुंच में तकनीक की मदद लें। उदाहरण के तौर पर भाषायी बाधा दूर करने के लिए भाषिणी, संवाद के लिए यूनिसेफ के रैपिडम्रो प्लेटफार्म और आनलाइन डिलीवरी सिस्टम के लिए सर्विस प्लस का इस्तेमाल किया जाना है।