VIP कल्चर को खत्म करने की मांग करके सत्ता में आए दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 11 साल बाद खुद शाही महल बनवाने के आरोप में घिर गए हैं। केजरीवाल ने 2013 में कहा था कि वे दिल्ली में बड़े-बड़े बंगलों और लाल बत्तियों की संस्कृति को खत्म करेंगे, जिससे आम नागरिकों को कोई दिक्कत नहीं होगी। यहाँ तक की उन्होंने अपनी पार्टी का नाम भी “आम आदमी पार्टी” रखा। लेकिन अब, 11 साल बाद, केजरीवाल का खुद का सरकारी बंगला उस बदलाव के वादों से पूरी तरह उलट गया है, जिसमें उनकी सरकारी संपत्ति में शाही सुविधाएं और आलीशान सुविधाएं दिखाई दे रही हैं।
केजरीवाल ने 2013 में “VIP कल्चर” ख़त्म करने का किया था वादा
2013 में जब अरविंद केजरीवाल ने पार्टी और सरकार बनाई थी तो उन्होंने “VIP कल्चर” खत्म करने की मांग केंद्र सरकार से की थी। उन्होंने कहा था कि किसी भी नेता और सरकारी अधिकारी को लक्ज़री और विशेषाधिकार नहीं मिलने चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने गाड़ियों से लाल बत्ती हटाने की बात कही थी।
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केजरीवाल के शीश महल की सुविधाएं
केजरीवाल के सरकारी बंगले का नाम विरोधियों ने शीश महल दिया है। उन्हें जो सरकारी बंगला आवंटित हुआ था उसे रेनोवेट कराके आलीशान महल में बदल दिया गया है। इसमें ऐसी सुविधाएं हैं, जो विलासता को दर्शाता है। इस बंगले में एक बड़ा सा स्पा और जीम है। इस महल में काफी महंगे सामन लगे हुए हैं। जिसकी कीमत करोड़ों में है।
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