औरंगाबाद लोकसभा चुनाव 2024: लोकसभा चुनाव का एलान हो चुका है। पहले चरण का अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। एकबार फिर सांसद आपके बीच वोट मांगने जाएंगे। नए वादे करेंगे, नए इरादे का इजहार करेंगे। आप उनके बातों में आएं, उससे पहले उन सांसद महोदय का पिछले पांच साल का रिकॉर्ड जान लीजिये। सांसद महोदय ने संसद में कितना सवाल पूछा है, संसद निधि कितना खर्च किया है, कितने दिन संसद में उपस्थित रहें हैं ? ये सब जानकारी हम आपके लिए एक जगह इकट्ठा कर के लाए हैं।
औरंगाबाद लोकसभा का निर्माण कब हुआ?
बिहार में राजपूतों का चित्तौड़गढ़ कहा जाने वाला औरंगाबाद लोकसभा का निर्माण देश के पहले परिसीमन 1952 में हो गया था। राजपूतों के दबदबा का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं की पहली लोकसभा चुनाव से लेकर 2019 तक यहां राजपूत प्रत्याशी ही जीता है। यहां की राजनीति बिहार विभूति कहे जाने वाले अनुग्रह नारायण सिंह के परिवार के आस-पास घूमती है। यहां के पहले सांसद सत्येंद्र नारायण सिंह सबसे अधिक 6 बार यहां से सांसद रहे हैं। वहीं वर्तमान सांसद सुशील कुमार सिंह अबतक चार बार ओर उनके पिता दो बार सांसद बन चुके हैं।
औरंगाबाद लोकसभा चुनाव 2019 का नतीजा
जहां तक बात 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों की करें तो एनडीए गठबंधन में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े सांसद सुशील कुमार सिंह को 431,541 वोट और दूसरे स्थान पर महागठबंधन के टिकट पर हम के प्रत्याशी उपेंद्र प्रसाद आए थें जिनको 3,58,934 वोट मिला था। इस बार भी बीजेपी ने सुशील कुमार सिंह पर विश्वास जताते हुए फिर से टिकट दिया है।
औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह ने संसद में कितने सवाल पूछे ओर कितने दिन उपस्थित रहें ?
औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह ने संसद में पिछले पांच साल में 204 प्रश्न, पांच प्राइवेट बिल ओर 87 डिबेट में भाग लिया। औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह की संसद में उपस्थिति 95% रही।
औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह ने सांसद निधि का कितना खर्च किया ?
औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह ने अपने संसदीय क्षेत्र में अपने संसदीय फंड से 4.3108 करोड़ खर्च किया है। सरकार ने कुल 5.28270 करोड़ रुपया जारी किया जिसमें से 0.9958 करोड़ खर्च नहीं हुआ।
औरंगाबाद लोकसभा का जातीय समीकरण
औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण की बात करें तो यहां राजपूत मतदाताओं का दबदबा रहा है। राजपूत मतदाताओं की संख्या 2 लाख से अधिक है. वहीं 1 लाख 90 हजार के आसपास यादव मतदाता भी हैं. इसके बाद मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब सवा लाख है ओर कुशवाहा वोटर्स भी सवा लाख के आसपास है. भूमिहार मतदाताओं की संख्या भी 1 लाख के आसपास है जबकि महादलित मतदाताओं की संख्या दो लाख के पार है. इसके साथ ही अति पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी यहां के चुनावी परिणाम पर खासा असर डालते हैं.
औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के 6 विधानसभा का क्या हाल है?
औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा इमामगंज (हम), औरंगाबाद (Cong), कुटुम्बा (Cong), गुरुआ (RJD), टिकरी (HAM) और रफीगंज (RJD) आता है। औरंगाबाद लोकसभा के कुल 6 विधानसभा में एनडीए के पास 2 और इंडिया गठबंधन के पास 4 सीट हैं।
औरंगाबाद लोकसभा में किस चरण में कब वोट डाले जाएंगे ?
औरंगाबाद लोकसभा में पहले चरण में वोट डाले जायेंगे। औरंगाबाद लोकसभा चुनाव के लिए अधिसूचना 20 मार्च, नामांकन का अंतिम तिथि 28 मार्च, नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 02 अप्रेल और वोट 19 अप्रेल को डाले जायेंगे।
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औरंगाबाद लोकसभा चुनाव का मुद्दा
औरंगाबाद लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य की समस्या है।
औरंगाबाद लोकसभा का चुनाव इंडिया गठबंधन से कौन लड़ेगा ?
औरंगाबाद लोकसभा से इंडिया गठबंधन की ओर से राजद ने अभय कुशवाहा को टिकट दे दी है। इसको लेकर इंडिया गठबंधन में ही कांग्रेस से घमासान मच गया है। पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार यहां से कांग्रेस की टिकर पर चुनाव लड़ते रहे हैं ओर कई बार चुनाव भी जीत चुके हैं।
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औरंगाबाद लोकसभा चुनाव का नतीजा
औरंगाबाद लोकसभा चुनाव का नतीजा 4 जून को आएगा। इसी दिन पता चल पाएगा कि औरंगाबाद की जनता एक बार फिर बीजेपी को मौका देती है या इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार को मौका देती है।