मणिपुर सीएम एन. बिरेन सिंह ने इस्तीफा दिया है। उन्होंने रविवार को राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपा। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब मणिपुर विधानसभा का सत्र कल यानी 10 फरवरी 2025 से शुरू होने वाला था, और विपक्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में था। कांग्रेस पार्टी ने बिरेन सिंह के इस्तीफे के बाद प्रतिक्रिया दी और कहा कि उन्हें दो साल पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। कांग्रेस नेता आलोक शर्मा ने यह भी कहा कि “देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा, मणिपुर में विधायकों की अंतरात्मा जागी है, और उन्होंने मजबूरी में इस्तीफा दिया है।”
सीएम बिरेन सिंह ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के कुछ घंटों बाद अपना इस्तीफा सौंपा। वहीं, इस दौरान यह भी जानकारी मिली है कि थोड़ी देर में विधायक दल की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता नई कार्यवाहक मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा करेंगे।
बीते साल मणिपुर में हुई हिंसा को लेकर एन. बिरेन सिंह ने सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी थी। हालांकि, विपक्षी नेताओं का मानना है कि मुख्यमंत्री के इस्तीफे से मणिपुर की स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं होगा। एनपीएएफ पार्टी के सांसद लोरो फोज ने कहा कि “यदि बिरेन सिंह ने डेढ़ साल पहले इस्तीफा दिया होता तो मणिपुर का नुकसान कम हो सकता था और वहां के छात्रों की जान भी बच सकती थी।”
यह घटना मणिपुर की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया किस दिशा में जाती है।