Nimisha Priya Death Sentence: केरल की रहने वाली Nimisha Priya को यमन में एक व्यक्ति की हत्या के मामले में सुनाई गई है मौत की सजा..
Nimisha Priya Death Sentense: केरल के पलक्कड़ जिले में कोलेंगोडे नगर में नर्स का काम करने वाली Nimisha Priya ने अपने मजदूर माता-पिता की मदद के लिए यमन में जाकर नौकरी करने का फैसला लिया और साल 2008 में वो यमन चली गई.
अपने क्लीनिक ने फंसा दिया
यमन जा कर निमिषा ने कई अस्पतालों में काम किया और फिर अंत में अपना खुद का क्लीनिक खोलने की सोची. शायद यहीं कुछ गलत हो गया. निमिषा के लिये यमन जाना गलत फैसला नहीं था और न ही गलत था अपना काम शुरू करने का फैसला वहां. गलत जो हुआ इस फैसले के बाद हो गया.
गलत पार्टनर था तलाल अब्दो महदी
निमिषा ने गलत फैसला लिया यमन के कानून के तहत वहां के नागरिक को अपना पार्टनर बनाने का. तलाल अब्दो महदी गलत आदमी चुन लिया निमिषा ने जिसने निमिषा का फायदा उठाने की नीयत से उसको धमकाना शुरू किया. और बात इतनी बिगड़ी कि गलती से इंजेक्शन के ओवरडोज में ऊपरवाले ने उसका कांड कर दिया.
हालात ने की साजिश
परिस्थितियों के भंवर में फंस गई निमिषा जो परोक्ष रूप से बेबस थी और अपरोक्ष रूप से बेकसूर भी. लेकिन अदालत ने किसी भी हालात की मजबूरी वाले तर्क को तवज्जो नहीं दी और निमिषा के लिये मौत की सजा मुकर्रर कर दी.
एक दिन पहले याने साल के आखिरी दिन 31 दिसंबर को भारत ने घोषणा की कि वह केरल की नर्स निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिये संकल्पित है.
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विदेश मंत्रालय का बयान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल का एक वक्तव्य सामने आया है जिसमें उन्होंने सरकार की सोच को सामने रखा है -‘हमें यमन में निमिषा प्रिया को दिये गये मृत्युदंड के बारे में पता है. हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार प्रत्येक संभव विकल्प पर विचार कर रहा है. भारत सरकार इस विषय में निमिषा को हरसंभव सहायता कर रही है.’
निमिषा का परिवार सदमे में
सरकार का ये बयान यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी की ओर से निमिषा प्रिया के मृत्युदंड को हाल ही में स्वीकृति दिए जाने के बाद आया है. सूत्रों के अनुसार, महीने भर के भीतर फांसी हो सकती है. ये जानकर निमिषा का परिवार सदमे में है और लगता है कि उसे बचाने के लिए समय बहुत कम है.