भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच पंजाब की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक संवेदनशील घटना सामने आई है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के एक जवान को बुधवार, 23 अप्रैल को गलती से सीमा पार कर जाने पर पाकिस्तानी रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया। जवान की पहचान कांस्टेबल पीके सिंह के रूप में हुई है, जो बीएसएफ की 182वीं बटालियन से जुड़े हैं।
कैसे हुई घटना?
बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार कांस्टेबल पीके सिंह ड्यूटी के दौरान कुछ किसानों के साथ सीमा के पास मौजूद थे। गर्मी और धूप से बचने के लिए वह पास की छाया में आराम करने आगे बढ़े, इसी दौरान वे अनजाने में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर गए। उस समय वे वर्दी में थे और उनके पास उनकी सर्विस राइफल भी थी। इसी दौरान पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें पकड़ लिया।
जवान की रिहाई के लिए फ्लैग मीटिंग जारी
बीएसएफ अधिकारियों ने जानकारी दी है कि जवान की सकुशल वापसी के लिए भारत और पाकिस्तान के सीमा सुरक्षा बलों के बीच फ्लैग मीटिंग चल रही है। दोनों पक्ष मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा, “ऐसी घटनाएं दुर्लभ नहीं हैं और पहले भी ऐसी स्थितियों में बातचीत के ज़रिए हल निकाला गया है।”
पृष्ठभूमि में पहलगाम आतंकी हमला और बढ़ता तनाव
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण हैं। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि को स्थगित करना और राजनयिक संबंधों में कटौती शामिल हैं।
जवाबी प्रतिक्रिया में पाकिस्तान ने भी कड़े निर्णय लिए हैं। गुरुवार को पाकिस्तान की नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NSC) की आपात बैठक में भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते समाप्त करने की घोषणा की गई। साथ ही पाकिस्तान ने भारतीय उड़ानों के लिए अपना एयरस्पेस भी बंद कर दिया है।
पानी रोकना युद्ध जैसा कदम: पाकिस्तान
भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को निलंबित किए जाने पर पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने इसे “युद्ध जैसी कार्रवाई” करार दिया है और इस मामले को विश्व बैंक तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने का ऐलान किया है।
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कांस्टेबल पीके सिंह की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों के बीच विश्वास का स्तर बेहद नाजुक स्थिति में है। हालांकि, बीएसएफ को उम्मीद है कि यह मामला बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा। इस घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि सीमाओं पर हर कदम अत्यंत सावधानी से उठाया जाना जरूरी है, खासकर जब दो देशों के बीच तनाव का स्तर इतना ऊंचा हो।