आमतौर पर पपीते की खेती सुरक्षित खेती मानी जाती है. लेकिन सावधानी तो हर खेती में रखनी पड़ती है. ये खास खबर है पपीते की खेती करने वालों के लिए.
यदि आपके पेड़ पर हरे-भरे पपीते लगे हुए हैं और आपको उनके पकने की प्रतीक्षा है तो अब इस प्रतीक्षा को विराम दें. जितनी शीघ्रता के साथ आप अपने पपीते तोड़ सकते हों तोड़ लीजिये. यदि आपने इस काम में विलम्ब किया तो आपको भरी नुक्सान का सामना करना पड़ सकता है. क्यों आपको अब शीघ्रता के साथ अपने पपीते के फल तोड़ लेने चाहिए, कारण क्या है इस शीघ्रता का, आइये हम आपको बताते हैं.
आपने यदि अब शीघ्रता के साथ अपने पपीते के पेड़ पर लगे फल न तोड़े तो आपके फलों में कीड़े लग जायेंगे. फल आपके चाहे कच्चे हों या पक्के -अब आपको तोड़ ही लेना चाहिए नहीं तो कीड़े लगने में देर नहीं लगेगी. न केवल आपके पपीते के फलों पर कीड़े लग जायेंगे बल्कि आपके पपीते के पेड़ पर लगे पत्तों की भी शामत आएगी उनमे भी कीड़े लग जाएंगे.
होगा पपीतों के फलों का नुकसान
ऐसा बताया है दिल्ली स्थित राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर जयप्रकाश ने. डॉ जयप्रकाश ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि देश में अब सर्दी ने दस्तक दे दी है. अब रात में तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने लगा है, वहीं दिन का तापमान भी तीस डिग्री सेल्सियस के नीचे गोते लगाने वाला है. कहने का अर्थ है कि वातावरण में तापमान कम होने वाला है. कम तापमान आपके पपीते का पेड़ सह नहीं पाएगा और उसके फलों को नुकसान हो जाएगा.
सर्दियों का प्रारम्भ पेड़ पर लगे पपीते के फल और उसके पत्तों के लिए गुड न्यूज़ नहीं है. आने वाले दिनों में सर्दी आपके पेड़ों को कीड़ों का उपहार दे देगी तब आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसलिए ऐसे में बेहतर होगा कि पपीते के किसान जितना जल्दी हो सके, अपने पपीते तोड़ लें.
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर जयप्रकाश ने ये भी बताया कि आगामी पंद्रह दिनों के भीतर यदि उनके पपीते का फल 115 से 125 दिन का हो गया है, तो उसे पेड़ से तोड़ लीजिये.
घर के भीतर ऐसे पकाएं
डॉ. जयप्रकाश का कहना है कि पेड़ से तोड़ लेने पर पपीते खराब नहीं होंगे. बल्कि आप घर के अंदर ही उनको पका सकते हैं. इसके लिए पपीते तोड़कर उनको 40 से 50 डिग्री तक कार्बाइड में भिगो कर रख दें. फिर उनको ठीक तरह से सुखाकर पेपर में लपेट कर रख दें. इसके बाद आपको चार से छह दिन की प्रतीक्षा करनी होगी और आपका पपीता अपनेआप पककर तैयार हो जाएगा. इतना ही नहीं इसकी प्राकृतिक मिठास भी बरकरार रहेगी.
कच्चे फल हैं डिमांड में
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक का कहना है कच्चे पपीतों को आप तोड़कर सीधे बाजार में बेच सकते हैं क्योंकि कच्चे फलों की भी डिमांड मार्केट में बनी हुई है. कच्चे फलों की डिमांड विशेष तौर पर उत्तर भारत के बाज़ारों में देखि जा रही है. इसका कारण ये है कि उत्तर भारत में सर्दी ज्यादा पड़ती है.
इसलिए करें जल्दी और अपने फलों को तोड़ लें. याद रखें 15 दिसंबर तक हर हाल में फलों को तोड़कर रख लीजिये या कच्चे फलों को बाजार में बेच दीजिये, इसके बाद आपका जो फल बच जाएगा, वह अब तीन माह बाद मार्च में ही तैयार होगा. ऐसे में आप अपना पपीता घर पर ही ऊपर बताई गई विधि से पका सकते हैं.
दिसंबर में ध्यान देना होगा इस बात पर
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि खेतों में यदि खरपतवार है, तो अभी उसको रहने दीजिये. जब दिसंबर के तीसरी या चौथे सप्ताह में तापमान तेजी से नीचे गिरेगा. तब सल्फर का एक पाउडर जो खरपतवार के खात्मे के काम आता है, उसकी तीन ग्राम मात्रा एक लीटर पानी में मिलाकर आप हर दस दिन एक बार में उसका छिड़काव पपीते के पेड़ पर लगी उसकी पत्तियों पर करते रहें.
छिड़काव का फायदा ये होगा
इस छिड़काव का फायदा ये होगा कि अब पत्तियां खराब नहीं होंगी. एक बात याद रखें, फल चाहे जितनी भी बड़ी मात्रा में क्यों न लगे हों, अगर इसकी पत्तियां अच्छी हालत में नहीं होंगी तो फल में मिठास नहीं होगा. इस कारण आपका फल मार्केट में नहीं बिकेगा और उसकी क्वालिटी खराब रहेगी. ऐसी स्थिति में आपको नमी का ध्यान रखना होगा और कोशिश करनी होगी कि नमी बनी रहे.