प्रयागराज: पंचायती राज विभाग ने गांवों में विकास कार्यों के भुगतान की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब पंचायत से जुड़ी आर्थिक लेनदेन प्रक्रिया में डोंगल के बजाय फेस स्कैनिंग को अनिवार्य कर दिया गया है। इस नई व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य भुगतान प्रणाली को पारदर्शी बनाना और महिला ग्राम प्रधानों के अधिकारों को सशक्त करना है।
अब किसी भी भुगतान के लिए ग्राम प्रधान और सचिव को पंचायत भवन में उपस्थित होकर फेस स्कैनिंग के माध्यम से ही प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि भुगतान में कोई बिचौलिया या प्रतिनिधि व्यक्ति हस्तक्षेप न कर सके।
महिला प्रधानों के लिए बड़ा कदम
इस व्यवस्था से महिला ग्राम प्रधानों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। लंबे समय से देखा जाता रहा है कि महिला प्रधानों के नाम पर उनके पति या बेटे पंचायत के कार्यों और खातों का संचालन करते रहे हैं। लेकिन अब फेस स्कैनिंग अनिवार्य होने के कारण पंचायत खाते से किसी भी प्रकार का भुगतान बिना महिला प्रधान की मौजूदगी के नहीं हो सकेगा।
अब तक की प्रगति
- 1540 ग्राम पंचायतों में से अब तक:
- 1500 पंचायत सचिवों
- और 800 ग्राम प्रधानों का फेस स्कैनिंग डाटा फीड किया जा चुका है।
- नई व्यवस्था जिले की सभी पंचायतों में लागू कर दी गई है।
पंचायत भवन में मौजूदगी होगी जरूरी
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, यह तकनीक इस बात की गारंटी देगी कि कोई भी भुगतान पंचायत सचिवालय से बाहर से नहीं किया जा सकेगा। इसका मतलब है कि ग्राम प्रधान और सचिव को भौतिक रूप से पंचायत कार्यालय में उपस्थित रहना होगा। इससे पंचायत स्तर पर पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की भावना मजबूत होगी।
प्रशिक्षण की व्यवस्था भी शुरू
प्रयागराज के जिला पंचायत राज अधिकारी रविशंकर द्विवेदी ने बताया कि सभी ग्राम प्रधानों और सचिवों को इस नई प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि उन्हें किसी भी तकनीकी परेशानी का सामना न करना पड़े। प्रशिक्षण कार्यक्रम पंचायत स्तर पर आयोजित किए जाएंगे।
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फेस स्कैनिंग आधारित भुगतान प्रणाली ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता, महिला सशक्तिकरण और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में एक साहसिक कदम है। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शासन की योजनाओं का लाभ सही पात्र तक सही समय पर पहुंचे। आने वाले समय में यह व्यवस्था पंचायतों में ई-गवर्नेंस की मजबूती और डिजिटल पारदर्शिता की मिसाल बन सकती है।