भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 14 फरवरी को मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के कामकाज पर गंभीर प्रतिबंध लगा दिए हैं। आरबीआई ने बैंक में भारी अनियमितताएं पाए जाने के बाद यह निर्णय लिया है, जिसके बाद अब बैंक अपने ग्राहकों को लोन नहीं दे पाएगा और डिपॉजिटर्स भी अपनी जमा राशि को नहीं निकाल सकेंगे। इस कदम के बाद बैंक के बाहर ग्राहकों की भारी भीड़ देखी गई, जो अपनी जमा राशि को लेकर चिंतित हैं।
ग्राहकों की जमा राशि पर संकट
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को अपनी जमा राशि के बारे में चिंता सताने लगी है। बैंक की एक कस्टमर, सीमा वाघमारे ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “हमने कल (13 फरवरी) ही पैसे जमा किए थे, लेकिन बैंक ने हमें इसके बारे में कुछ नहीं बताया। अब बैंक कह रहा है कि हमें तीन महीने में पैसा मिलेगा, लेकिन हमें अपनी ईएमआई भी भरनी है, हमें समझ नहीं आ रहा है कि यह सब कैसे होगा।”
बैंक की ओर से दी गई जानकारी
बैंक के कार्यवाहक सीईओ द्वारा चिपकाए गए एक नोटिस में ग्राहकों को आश्वस्त किया गया कि उनकी जमा राशि सुरक्षित है। नोटिस में बताया गया, “आरबीआई द्वारा लगाया गया यह प्रतिबंध जमाकर्ताओं के हित में है। आपके 5 लाख रुपये तक की जमा राशि DICGC (डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन) के माध्यम से बीमित और सुरक्षित हैं। इन्हें लगभग 90 दिनों में लौटाया जा सकता है।”
इसके अलावा, बैंक ने अपने घाटे की भी जानकारी दी, जिसमें कहा गया कि पिछले दो वित्तीय वर्षों में बैंक घाटे से जूझ रहा है। मार्च 2024 में समाप्त वित्तीय वर्ष में 23 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया गया, वहीं 2023 में यह आंकड़ा 31 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था।
आरबीआई द्वारा लगाया गया प्रतिबंध
आरबीआई ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर छह महीने के लिए कारोबार पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस दौरान बैंक न तो लोन या एडवांस देगा, न ही निवेश करेगा और न ही डिपॉजिट स्वीकार करेगा। आरबीआई ने एक सर्कुलर में कहा कि बैंक के मौजूदा हालत और हालिया घटनाक्रमों के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है ताकि जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
डिपॉजिट इंश्योरेंस के बारे में जानकारी
आरबीआई के आदेश के बाद, योग्य जमाकर्ता अपनी जमा राशि के लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) से 5 लाख रुपये तक के क्लेम का दावा कर सकेंगे। यह सुरक्षा योजना उन लोगों के लिए है जिनकी जमा राशि बैंक में बीमित है।
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आरबीआई का यह कदम न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है, लेकिन बैंक की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, उनकी जमा राशि को लेकर कोई बड़ा खतरा नहीं है। ग्राहकों से धैर्य रखने की अपील की गई है, और उम्मीद की जा रही है कि 90 दिनों में उनके पैसे लौटाए जाएंगे। इस समय बैंक की स्थिति में सुधार के प्रयास किए जाएंगे, और फिर आरबीआई की ओर से समीक्षा की जाएगी।