प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किसानों को डीएपी उर्वरक की किफायती दरों पर निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने 01 जनवरी 2025 से अगले आदेश तक डीएपी पर एनबीएस (नैट बेस्ड सब्सिडी) सब्सिडी के अतिरिक्त 3,500 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से एकमुश्त विशेष पैकेज देने को मंजूरी दी है।
इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य किसानों को डीएपी की सस्ती दरों पर निरंतर उपलब्धता प्रदान करना है, ताकि वे उर्वरकों की बढ़ती कीमतों से प्रभावित न हों और उनकी खेती में कोई रुकावट न आए।
लाभ और उद्देश्य: केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस फैसले से किसानों को किफायती मूल्य पर डीएपी उर्वरक की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे उनकी खेती की लागत में कमी आएगी और उनकी उपज की लागत में संतुलन बनेगा।
कार्यान्वयन और योजना: डीएपी पर यह विशेष पैकेज 01 जनवरी 2025 से लागू होगा और अगले आदेश तक जारी रहेगा। यह पैकेज उर्वरक निर्माताओं और आयातकों के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया जाएगा। साथ ही, सरकार की योजना यह सुनिश्चित करने की है कि किसानों को इस उर्वरक की कोई कमी न हो और वे इसे उचित मूल्य पर प्राप्त कर सकें।
पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने किसानों की मदद के लिए कई कदम उठाए हैं। पीएंडके (फॉस्फेट और पोटाश) उर्वरकों पर सब्सिडी 01 अप्रैल 2010 से एनबीएस योजना के तहत प्रदान की जा रही है। सरकार ने किसानों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए डीएपी की कीमत में कोई वृद्धि नहीं की है। भू-राजनीतिक परिस्थितियों और वैश्विक बाजार की अस्थिरता के बावजूद सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि खरीफ और रबी 2024-25 के दौरान किसानों को सस्ती कीमतों पर डीएपी उपलब्ध हो।
पहला पैकेज: इससे पहले, जुलाई 2024 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 01 अप्रैल 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक डीएपी पर 3,500 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से एकमुश्त विशेष पैकेज को मंजूरी दी थी, जिसका वित्तीय प्रभाव लगभग 2,625 करोड़ रुपये का था।
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इस प्रकार, सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय किसानों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा और उनकी कृषि गतिविधियों को अधिक सशक्त बनाएगा।