दुबई से सोना लाने वालों के लिए अब राह पहले जैसी आसान नहीं रही। केंद्र सरकार ने सोने और चांदी के आयात नियमों को कड़ा करते हुए कच्चे, अधपके और पाउडर रूप में आने वाले सोने-चांदी के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार का यह कदम वित्त वर्ष 2026 के बजट के तहत लिया गया है, जिसमें आयात में पारदर्शिता लाने और टैक्स चोरी पर लगाम कसने की मंशा जाहिर की गई थी।
अब नए नियमों के मुताबिक, भारत और यूएई के बीच हुए व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) के तहत सिर्फ परमिट प्राप्त एजेंसियां और अधिकृत ज्वेलर्स ही सोने का आयात कर सकेंगे।
क्यों बदले गए नियम?
सरकार ने यह सख्त कदम इसलिए उठाया क्योंकि कुछ कारोबारी दुबई से 99% शुद्धता वाले सोने को प्लेटिनम मिश्र धातु के रूप में दिखाकर भारत में आयात कर रहे थे। इससे उन्हें कम टैक्स देना पड़ता था और वे भारत-यूएई CEPA समझौते के अंतर्गत मिलने वाली 1% रियायत का अनुचित लाभ उठा रहे थे।
इस गड़बड़ी को रोकने के लिए सरकार ने HS (Harmonized System) कोड में बदलाव किया है। नए कोड के मुताबिक अब प्लेटिनम मिश्रण के नाम पर सोना मंगाना संभव नहीं होगा। 99% या उससे अधिक शुद्ध प्लेटिनम को छोड़कर, बाकी मिश्रित धातुओं के नाम पर आयात प्रतिबंधित रहेगा।
क्या है HS कोड और TRQ?
HS कोड एक विशेष कोड होता है जो यह निर्धारित करता है कि कौन-सा उत्पाद आयात या निर्यात किया जा रहा है। बजट 2026 में सरकार ने सोना, चांदी और प्लेटिनम जैसी कीमती धातुओं के लिए अलग-अलग टैरिफ कोड लागू करने का निर्णय लिया था ताकि कोई गड़बड़ी न हो सके।
वहीं, भारत-यूएई CEPA समझौते के तहत भारत को हर साल 200 मीट्रिक टन सोना 1% रियायती शुल्क पर मंगाने की अनुमति है, लेकिन इसके लिए आयातकों को TRQ (Tariff Rate Quota) लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है।
क्या होगा असर?
इस निर्णय से उन व्यापारियों पर सीधा असर पड़ेगा जो नियमों की आड़ में टैक्स चोरी कर रहे थे। साथ ही, सोने के आयात में पारदर्शिता आएगी और सरकार को राजस्व का नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इससे ज्वेलरी उद्योग में ईमानदार कारोबारियों को बढ़ावा मिलेगा, जबकि फर्जीवाड़ा करने वालों पर लगाम कसेगी।
यह भी पढ़ें: सोने की कीमतों में होने वाली है तेज गिरावट?
भारत सरकार का यह कदम टैक्स प्रणाली को और मजबूत करने तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक समझौतों का ईमानदारी से पालन सुनिश्चित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है। अब दुबई से सोना लाने वालों को अधिक कानूनी प्रक्रियाओं और लाइसेंसिंग से गुजरना होगा, जिससे आयात को नियंत्रित और पारदर्शी बनाया जा सकेगा।