आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence) यानि एआई एक चमत्कार है और आए दिन नए-नए आविष्कारों से ये लोगों को हैरान कर रहा है। चैट जीपीटी बनाने वाली कंपनी OpenAI अब वॉयस असिस्टेंट पर काम कर रही है।
मतलब ये कि कंपनी एक ऐसी तकनीक लेकर आ रही है जिसमें किसी भी व्यक्ति की आवाज को क्लोन किया जा सकता है। ओपन एआई ने हाल ही में नई वॉयस इंजन तकनीकी को लॉन्च किया है। हालांकि कंपनी अभी तक इसे सार्वजनिक रूप से सामने नहीं लाई है।
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कंपनी ने इसके बारे में जानकारी दी कि इसकी टेस्टिंग के लिए बहुत सतर्कता बरती जा रही है। क्योंकि आने वाले दिनों में दुनिया के कई देशों में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में इस तकनीक का उपयोग करके कोई भी डीपफेक का शिकार हो सकता है। ऐसे में इसके उपयोग को लेकर हम सतर्क हैं।

किसे होगा फायदा?
कंपनी ने बताया कि इस टेक्नालॉजी से उन लोगों को फायदा होगा जो पढ़ने में असमर्थ नहीं होते या दूसरी भाषाओं का ट्रांसलेट नहीं कर पाते।
क्या होता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जॉन मैकार्थी के अनुसार यह बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान और अभियांत्रिकी है अर्थात यह मशीनों द्वारा प्रदर्शित किया गया इंटेलिजेंस है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक जॉन मैकार्थी को माना जाता है। जॉन मैकार्थी एक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक थे। “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” शब्द उनके द्वारा दिया गया था।
एआई बनाने के लिए, आपको उस समस्या की पहचान करनी होगी जिसे आप हल करने का प्रयास कर रहे हैं, सही डेटा एकत्र करना, एल्गोरिदम बनाना, एआई मॉडल को प्रशिक्षित करना, सही प्लेटफॉर्म चुनना, प्रोग्रामिंग भाषा चुनना और अंत में, ऑपरेशन को तैनात और मॉनिटर करना होगा।