बिहार के अररिया में 12 करोड़ का पुल उद्घाटन होने से पहले ही गिर गया। इस मामले पर बिहार सरकार अब एक्शन मोड में आ गई है। बिहार सरकार के ग्रामीण विकास कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने एक्शन लेते हुए तत्कालीन सहायक इंजीनियर अंजनी कुमार और जूनियर इंजीनियर मनीष कुमार को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही पुल बनाए वाली एजेंसी पर FIR दर्ज कराते हुए इस कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने के आदेश दिया गया है। जांच के लिए 4 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया गया है जिसे 7 दिनों के अंदर जांच कर सरकार को रिपोर्ट देनी है।
राजद नेता मीसा भारती बताया “एक्ट ऑफ फ्रॉड”
राजद नेता और लोकसभा सांसद मीसा भारती ने बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में एक बार फिर दिखा बीजेपी और जदयू की जुगलबंदी वाली “एक्ट ऑफ फ्रॉड”! अररिया में करोड़ों की लागत से बना एक और पुल हुआ ध्वस्त।
https://twitter.com/MisaBharti/status/1803083472304824808
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने क्या कहा ?
अररिया में गिरे पुल के निर्माण पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि बिहार के अररिया में दुर्घटनाग्रस्त पुलिया का निर्माण केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत नहीं हुआ है। बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत इसका काम चल रहा था।
https://twitter.com/OfficeOfNG/status/1803059155936149505
यह पहला मौका नहीं है बिहार में निर्माणाधीन पुल के गिरने का। इससे पहले भी कई पुलें गिर चुकी है। लगातार हो रही यह घटना भ्रष्टाचार और बिहार सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
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12 करोड़ की लागत से शुरू हुआ निर्माण
बता दें कि इस पुल के निर्माण को लेकर स्थानीय विधायक विजय कुमार मंडल और सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने काफी मेहनत की थी। यही नहीं यह पुल जब बना तो पहली बार नदी का किनारा बाढ़ के कारण दूर हो गया, इसके बाद 12 करोड़ की लागत से नदी को किनारे तक को जोड़ने के लिए पुल का निर्माण शुरू हुआ। लेकिन विभागीय लापरवाही व संवेदक की अनियमितता पूर्वक कार्य के कारण मंगलवार को पुल बकरा नदी के गर्भ में समा गया।