केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके जिसके लिए उन्हें सरकार द्वारा बनाई गए पोर्टल पर आवेदन करना होगा।
Ministry of Home Affairs (MHA) will be notifying today, the Rules under the Citizenship (Amendment) Act, 2019 (CAA-2019). These rules, called the Citizenship (Amendment) Rules, 2024 will enable the persons eligible under CAA-2019 to apply for grant of Indian citizenship. (1/2)
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) March 11, 2024
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने नागरिकता संशोधन कानून को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था। वहीं हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह ने कई बार इसका जिक्र भी किया। अब लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सरकार ने इसे नोटिफिकेशन जारी करते हुए इसे लागू कर दिया है।
The applications will be submitted in a completely online mode for which a web portal has been provided. (2/2)@HMOIndia @PIB_India @DDNewslive @airnewsalerts
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) March 11, 2024
सीएए की अधिसूचना जारी करते ही विपक्ष से भी प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी करने पर शिवसेना(UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, “…ये उनका(भाजपा) आखिरी खेल चल रहा है। चलने दो, लागू होने दो… वे लोग ये खेल करते रहते हैं… जब तक चुनाव है तब तक वे CAA-CAA खेलेंगे, खेलने दो।”
#WATCH मुंबई: केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी करने पर शिवसेना(UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, "…ये उनका(भाजपा) आखिरी खेल चल रहा है। चलने दो, लागू होने दो… वे लोग ये खेल करते रहते हैं… जब तक चुनाव है तब तक वे CAA-CAA खेलेंगे, खेलने दो।" pic.twitter.com/CJMRmVLnoP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 11, 2024
अब तक क्या-क्या हुआ
- नागरिकता संशोधन कानून को संसद में 11 दिसंबर, 2019 को पारित किया गया।
- लोकसभा में 9 दिसंबर को पेश हुआ था, जहां निचले सदन में 311 वोट पक्ष में और 80 वोट विपक्ष में पड़े थे।
- वहीं, राज्य सभा में बिल पर पक्ष में 125 वोट मिले थे औऱ 105 वोट खिलाफ में पड़े थे।
- 12 दिसंबर को राष्ट्रपति ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी।
- लेकिन सरकार ने इसे नोटिफाई नहीं किया था यानि लागू नहीं किया था।
- तभी देश भर में इसके खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हुए।
दिल्ली और उत्तर प्रदेश में जगह-जगह पर कई विरोद प्रदर्शन हुए। इस दौरान हुए बवाल में 755 एफआईआर में 1,753 गिरफ्तारियां, 342 चार्ज सीट में 1,553 के नाम, 53 लोग मारे गए थे और 108 पुलिस कर्मियों सहित 581 घायल हुए थे।
वहीं उत्तर प्रदेश में करीब 1113 लोग गिरफ्तार हुए। और विरोध प्रदर्शन में 19 लोगों की मौत हुई थी।