Auto Expo 2025: एशिया का सबसे भव्य ऑटो शो ‘भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025’ में इस बार लोगों का क्रेज देखने लायक था। लोगों के साथ-साथ ऑटोमोबाइल कंपनियों ने भी लोगों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस बार भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025, जो कि दिल्ली के भारत मंडपम में हुआ, यहां सबसे ज्यादा चर्चा में रही पराली और गोबर गैस से चलने वाली कार। जी हां आप भी सुनकर चौंक गए ना ?
दरअसल, ग्लोबल एक्सपो 2025 में एक निजी कंपनी ने कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) से चलने वाली कार पेश की। अब तक आपने पेट्रोल, डीजल या सीएनजी और ईवी कार के बारे में सुना होगा लेकिन अब आप कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) से चलने वाली कार के लिए तैयार हो जाएं।
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कंपनी ने दावा किया है कि इस कार को चलाने के लिए पेट्रोल, डीजल या सीएनजी की आवश्यकता नहीं पड़ती। वहीं, ये कार अधिक माइलेज देने में भी सक्षम है।
क्या है कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी)?
कंप्रेस्ड बायो गैस (Compressed Bio Gas – CBG) एक स्वच्छ और हरित ऊर्जा स्रोत है, जिसे जैविक कचरे या बायोमास से तैयार किया जाता है। यह पारंपरिक ईंधनों का एक पर्यावरण-अनुकूल विकल्प है और प्राकृतिक गैस (CNG) के समान उपयोग किया जा सकता है।
सीबीजी का निर्माण विभिन्न जैविक सामग्रियों जैसे कृषि अवशेष, गोबर, बायोडिग्रेडेबल कचरा, खाद्य अपशिष्ट और अन्य जैविक पदार्थों से किया जाता है। इसे एनेरोबिक डाइजेशन नामक प्रक्रिया से तैयार किया जाता है, जिसमें जैविक कचरे को ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में डिग्रेड किया जाता है, जिससे मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड युक्त गैस उत्पन्न होती है। इस गैस को शुद्ध करके, केवल मीथेन को अलग किया जाता है और इसे संपीड़ित कर कंप्रेस्ड बायो गैस (CBG) बनाया जाता है।
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सीबीजी की खास बातें
- सीबीजी का उपयोग पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करने में मदद करता है।
- यह सस्टेनेबल एनर्जी के उद्देश्यों को पूरा करता है।
- इसका कैलोरी मान (calorific value) और भौतिक गुण CNG (Compressed Natural Gas) के समान हैं।
- इसे स्थानीय स्तर पर तैयार किया जा सकता है, जिससे ऊर्जा आयात पर निर्भरता कम होती है।
- यह ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाता है।
सीबीजी उत्पादन की प्रक्रिया:
कच्चा माल:
- गोबर, कृषि अवशेष, बायोडिग्रेडेबल कचरा, गन्ने का बगास आदि।
- जैविक कचरे को एक बायोगैस संयंत्र में डाला जाता है, जहां इसे ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में डिग्रेड किया जाता है।
- इससे मीथेन युक्त बायोगैस बनती है।
- गैस को शुद्ध कर मीथेन को अलग किया जाता है।
- अन्य अवशिष्ट गैसों को हटाकर उच्च गुणवत्ता की मीथेन बनाई जाती है।
- मीथेन को उच्च दबाव पर संपीड़ित कर कंप्रेस्ड बायो गैस (CBG) तैयार की जाती है।
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सीबीजी के उपयोग
- CBG को CNG के स्थान पर वाहनों में उपयोग किया जा सकता है।
- खाना पकाने के लिए LPG का पर्यावरण-अनुकूल विकल्प।
- ईंधन के रूप में उद्योगों में इस्तेमाल।
- इसके उत्पादन के दौरान बचने वाले अवशेष (डाइजेस्टेट) को जैविक खाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
भारत सरकार ने सतत ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए “सतत भारत ऊर्जा नीति” के तहत सीबीजी पर जोर दिया है।
2018 में भारत सरकार ने “Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation (SATAT)” योजना शुरू की। इस योजना के तहत, CBG के उत्पादन और वितरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। सीबीजी भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता में मदद करता है और आयातित ईंधन पर निर्भरता कम करता है। कचरे का प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण में सहायक।