कांग्रेस ने आयकर विभाग द्वारा पार्टी के बैंक खातों से 66 करोड़ रुपये निकाले जाने को तानाशाही और लोकतंत्र की हत्या बताया है। कांग्रेस ने आयकर विभाग की कार्रवाई को आर्थिक आतंकवाद करार देते हुए कहा कि मोदी सरकार प्रतिशोध की राजनीति कर रही है। यह कांग्रेस पार्टी को आर्थिक रूप से तोड़ने का प्रयास है, ताकि कांग्रेस मज़बूती से चुनाव न लड़ पाए।
गुरुवार को नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन, कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश, संयुक्त कोषाध्यक्ष विजय इंदर सिंगला, युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने आयकर विभाग की कार्रवाई को लेकर मोदी सरकार को निशाने पर लिया।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस कदम को विपक्ष की आवाज़ दबाने की कोशिश करार देते हुए कहा कि ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ। यह रकम एआईसीसी, युवा कांग्रेस और एनएसयूआई की है। कांग्रेस पार्टी बड़े पैमाने पर क्राउडफंडिंग कर रही है और कांग्रेस देश के गरीब लोगों से पैसा इकट्ठा कर रही है। युवा कांग्रेस का पैसा सदस्यता अभियान से आया है। एनएसयूआई ने यह पैसा पार्टी के सामान्य छात्र कार्यकर्ताओं से हासिल किया है। लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने कांग्रेस के खातों को हाईजैक कर लिया है। यह स्पष्ट रूप से भाजपा सरकार द्वारा कांग्रेस पार्टी पर थोपा गया आर्थिक आतंकवाद है। देश के इतिहास में इस तरह का निचले स्तर का हमला कभी नहीं हुआ। ऐसे लोकतंत्र कैसे बचेगा, ये तानाशाही है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि भाजपा सरकार ने मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के खिलाफ आर्थिक आतंकवाद की शुरुआत कर दी है। कुछ दिनों पहले भाजपा सरकार ने कांग्रेस के सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। अब मोदी सरकार और इनकम टैक्स के अधिकारियों ने कांग्रेस के बैंक खातों से 65 करोड़ 88 लाख 81 हजार 474 रुपये चोरी किए हैं। इस मामले में कांग्रेस ने इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल में अर्जी थी, जिसमें 21 फरवरी को सुनवाई होनी थी। लेकिन सुनवाई से एक दिन पहले इनकम टैक्स के अफसरों ने बैंक शाखाओं में जाकर धमकी दी और डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से देकर यह रुपये वसूल लिए। भारतीय युवा कांग्रेस के चार करोड़ 20 लाख 35 हजार, एनएसयूआई के एक करोड़ 43 लाख 98 हजार और कांग्रेस के लगभग साठ करोड़ रुपये हैं, जो बैंक खातों से ले लिए गए हैं। राजनीतिक दल इनकम टैक्स से मुक्त होते हैं। क्योंकि पार्टियों के पास जो पैसा आता है वह देश में लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए आता है, यह किसी भी प्रकार की आय नहीं है। क्या भाजपा ने कभी भी इनकम टैक्स दिया है। अगर कांग्रेस पार्टी से इनकम टैक्स लिया जा रहा है तो भाजपा से क्यों नहीं लिया जा रहा है।
माकन ने कहा कि जिस कारण से यह वसूली की गई है, वह हास्यास्पद हैं। कांग्रेस को 2018-19 में 142 करोड़ 83 लाख रुपये का चंदा मिला था। इसमें से सिर्फ 14 लाख 49 हजार रुपये कांग्रेस के विधायकों और सांसदों के एक महीने के वेतन से नकद मिले थे। ये 14 लाख रुपये नकद में आने की वजह से कांग्रेस के ऊपर 210 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगा दी गई। कांग्रेस को 31 दिसंबर तक अपने खातों की जानकारी आयकर विभाग को देनी थी, लेकिन कांग्रेस ने 2 फरवरी 2019 को दी। ऐसे में सारे पैसे पर यह पेनल्टी लगाई गई। ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ। जब चुनाव सिर पर हैं, तब पांच साल बाद सरकार और आयकर विभाग जागा है। ये कहां का न्याय है। ये कांग्रेस पार्टी को आर्थिक रूप से तोड़ने की कोशिश है, ताकि कांग्रेस के लोग चुनाव न लड़ पाएं। अगर कांग्रेस के खाते फ्रीज हो जाएंगे तो कांग्रेस चुनाव कैसे लड़ेगी, कैसे चुनाव प्रचार करेगी।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को आर्थिक रूप से अपंग करने की साजिश रची जा रही है, ये लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने याद दिलाया कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नोटबंदी कर दी गई थी। क्योंकि मोदी सरकार चाहती थी कि विपक्षी दल चुनाव न लड़ पाएं। ठीक उसी तरह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टी पर कर हमला किया गया है। भाजपा भारत जोड़ो न्याय यात्रा की सफलता और देश में बेरोजगारी, किसान आंदोलन के कारण युवाओं एवं किसानों की नाराजगी से घबराई हुई है। इसलिए कांग्रेस पार्टी के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति की जा रही है।
वहीं युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने कहा कि भाजपा सरकार ने यूथ कांग्रेस के खाते से चार करोड़ 20 लाख रुपये लूटने का काम किया है। यह पॉकेटमार सरकार है। लोकतंत्र में पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है। ये सरासर तानाशाही है।