पूर्व IPS संजीव भट्ट को 28 साल पुराने मामले में 20 साल की कैद की सजा सुनाई गई है। संजीव भट्ट को 1996 के एनडीपीएस मामले में पालनपुर सेशन कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। इसके साथ ही दो लाख रूपये की जुर्माना भी लगाया गया है।
संजीव भट्ट पर आरोप है कि राजस्थान के एक वकील को उन्होंने ड्रग्स के मामले में गलत तरीके से फंसाया था। यह मामला 28 साल पुराना पालनपुर के होटल लाजवंती में ले जा रही नशीली दवाएं कि छापेमारी, ड्रग्स की बरामदगी से जुड़ा है। सुमेर सिंह राजपुरोहित की गिरफ़्तारी के बाद यह मामला लोगों के संज्ञान में आया था। संजीव भट्ट इस केस में 2018 से ही जेल में बंद हैं।
पीएम मोदी पर आरोप लगाकर आए थें चर्चा में
पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट सबसे पहले 2011 में चर्चा में आए थें जब उन्होंने उस वक्त के गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर 2002 के गुजरात दंगों में शामिल होने का आरोप लगाया था। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा भी दायर किया गया था। 2015 में संजीव भट्ट को बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक के पद से बर्खास्त कर दिया गया था।
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पिछले साल सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था
पिछले साल संजीव भट्ट के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में इस केस को किसी दूसरे अदालत में भेजने का अनुरोध किया गया था। इसके साथ ही निचले अदलात में केस की चली कार्यवाही की रिकॉर्डिंग के निर्देश मांगे थें। इन दोनों मांग को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था।