देश की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि उन्हें बुखार और सीने में संक्रमण की शिकायत थी जिसके बाद से पुणे के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसकी जानकारी अस्पताल के अधिकारियों ने दी है। उन्होंने कहा कि उनकी हालत अब स्थिर है और उनपर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
देश की पहली महिला राष्ट्रपति
प्रतिभा देवी सिंह पाटिल भारत की राष्ट्रपति के रूप में सेवा करने वाली पहली महिला हैं। उन्होंने 2007 से 2012 तक इस संवैधानिक पद की गरिमा बढ़ाई। महाराष्ट्र में हुआ जन्म प्रतिभा देवी सिंह पाटिल का जन्म 19 दिसंबर 1934 को महाराष्ट्र के नादगांव गांव में एक मराठी परिवार में हुआ। प्रतिभा पाटिल, नारायण राव पाटिल की पुत्री हैं और उनकी शुरूआती पढ़ाई आर. बॉम्बे विश्वविद्यालय से हुई। फिर प्रतिभा सिंह ने जलगांव जिला न्यायालय में कानून की प्रैक्टिस शुरू की। इसके अलावा प्रतिभा देवी ने महिलाओं और सामाजिक मुद्दों पर भी काम किया।
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7 जुलाई 1965 को प्रतिभा पाटिल की शादी देवीसिंह शेखावत से हुई। दोनों की दो संतानें हैं। एक बेटी ज्योति और एक बेटा रावसाहेब शेखावत है। प्रतिभा पाटिल के पति की पिछले साल हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी।
ऐसे हुई राजनीतिक करियर की शुरुआत
प्रतिभा पाटिल ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत 1962 में 27 साल की उम्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के भूतपूर्व मुख्यमंत्री यशवंत राव चव्हाण की देखरेख में प्रारंभ किया।
1962 से 1984 तक वे पांच बार महाराष्ट्र विधानसभा की सदस्य रहीं। इस दौरान वर्ष 1969 से 1972 तक वह महाराष्ट्र सरकार में राज्यमंत्री और वर्ष 1972 से 1978 तक कैबिनेट मंत्री रहीं उन्होंने कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला। उन्होंने 1969 से 1972 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य, निषेध, पर्यटन, आवास और संसदीय कार्य,
महाराष्ट्र सरकार में उप मंत्री पद पर कार्य किया। वे 1972 से 1974 तक महाराष्ट्र सरकार के समाज कल्याण विभाग, 1974 से 1975 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग, 1975-1976 तक पुनर्वास और सांस्कृतिक कार्य विभाग और 1977 से 1978 तक शिक्षा विभाग में कैबिनेट मंत्री के पद आसीन रहीं।
लेकिन जब 1979 में कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र विधान सभा में विपक्ष में पहुँची तो प्रतिभा पाटिल लगभग एक वर्ष तक विपक्ष की नेता रहीं। 1982 से 1984 तक फिर वे महाराष्ट्र सरकार में शहरी विकास और आवास विभागों में कैबिनेट मंत्री रहीं। 1985 में वे राज्यसभा पहुंची
और 1986 में राज्यसभा की उप सभापति बनी। 18 नवम्बर 1986 से 5 नवम्बर 1988 तक वे सभापति, राज्य सभा भी रहीं। वे 1986 से 88 के बीच लाभ समिति की अध्यक्षा और सदस्य, व्यापार सलाहकार समिति, राज्य सभा भी रहीं। श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल प्रदेश कॉन्ग्रेस समिति महाराष्ट्र की अध्यक्षा, राष्ट्रीय शहरी सहकारी बैंक एवं ऋण संस्थाओं की निदेशक, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ की शासी परिषद की सदस्य रही हैं। 1998-1990 में वे महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस की प्रमुख बनीं। उन्हें वर्ष 1999 में दसवीं
लोक सभा (संसद के निचले सदन) के लिए निर्वाचित किया गया और उन्होंने 1991 में अध्यक्षा, सदन समिति, लोक सभा के रूप में भी कार्य किया।
पाटिल को 8 नवम्बर 204 को राजस्थान की राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने भारत के राष्ट्रपति पद पर निर्वाचन के लिए 22 जून 1007 को राज्यपाल के पद से इस्तीफा दे दिया।
इन पुरस्कारों से नवाजा गया
1 जून 2019 को भारत की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को विदेशियों को दिए जाने वाले मेक्सिको के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ऑर्डेन मेक्सिकाना डेल एग्वेला एज्टेका’ (ऑर्डर ऑफ एज्टेक ईगल) से सम्मानित किया गया।
यह पुरस्कार मेक्सिको के राजदूत मेल्बा प्रिआ ने पुणे के एमसीसीआईए भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में पाटिल को प्रदान किया। प्रतिभा पाटिल यह पुरस्कार पाने वाली भारत की दूसरी राष्टपति बनी। इससे पहले यह सम्मान राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन को दिया गया था।