केंद्र सरकार ने देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम कानून यानी CAA (Citizenship Amendment Act) लागू करने का नोटिफिकेशन जारी किया है। जिसके बाद से दो धड़ सामने आ रहे हैं। एक पक्ष में और दूसरा विपक्ष में। विपक्ष इसे लेकर लगातार सरकार पर सवाल उठा रहा है। स्टालिन और ममता बनर्जी समेत कई मुख्यमंत्रियों ने इसे राज्य में लागू करने से मना कर दिया।
इसी क्रम में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक वीडियो मैसेज से CAA को गलत बताया है। उन्होंने कहा, ‘इस कानून से देश में 1947 से भी बड़ा माइग्रेशन हो जाएगा’।
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अरविंद केजरीवाल ने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो संदेश दिया। जिसमें उन्होंने बताया कि आखिर CAA से क्या नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा- ‘दस साल देश पर राज करने के बाद चुनाव से पहले इन्हें सीएए की याद आ रही है। दस सालों में कोई अच्छा काम किया होता तो उन कामों के जरिए वोट मांग रहे होते। देश में इस समय सबसे बड़ी समस्या महंगाई और बेरोजगारी है। सरकार इसका समाधन करने के बजाय सीएए की बात कर रही है।
CAA क़ानून देश के हित में नहीं है। कैसे? इस वीडियो को ज़रूर देखें और ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को दिखाएं … pic.twitter.com/j0QKKQEK8m
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 13, 2024
सीएए आखिर क्या है..सरकार कहती है कि तीन पड़ोसी देश (बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान) के अल्पसंख्यकों को अगर भारत की नागरिकता चाहिए तो उन्हें मिल जाएगी। इसका मतलब हुआ कि भारी संख्या में लोग यहां आएंगे, उन्हें रोजगार दिए जाएंगे, उनके लिए घर बनाए जाएंगे। बीजेपी की सरकार से हमारे बच्चों को तो रोजगार दे नहीं पा रही है, पाकिस्तान से लोगों को बुलाकर उन्हें रोजगार देंगे। हमारे हक के घर में पाकिस्तानियों को बसाना चाहते हैं।
इन तीन देशों भारी भीड़ भारत आएंगे। बीजेपी वाले इसको रोजगार देगी क्या, उन्हें अपने घरों में रखेगी क्या। कुछ लोगों का कहना है कि ये वोटबैंक बनाने की साजिश है।
जहां बीजेपी के समर्थक कम हैं वहीं इन्हें बसाकर वोटबैंक बनाए जाएंगे और बीजेपी के वोट बढ़ जाएंगे। सबसे बड़े सवाल ये कि बीजेपी ऐसा क्यों कर रही है। बीजेपी वाले पूरी दुनिया से अलग चल रही है। कोई भी देश पड़ोसी देश के गरीब लोगों को अपने घर नहीं घुसने देता लेकिन बीजेपी उल्टा काम कर रही है।
दस सालों में 11 लाख से ज्यादा देश के अमीर उद्योगपति भारत छोड़कर चले गए। ये लोग लाखों लोगों को रोजगार देते थे लेकिन बीजेपी की खराब नीति की वजह से ये लोग भारत छोड़कर चले गए। अगर बीजेपी को लाना है तो इन्हें लाए।
आज बीज्पी कह रही है 2014 से पहले आए लोगों को नागरिकता दी जाएगी। देख लेना अगले चुनाव में बीजेपी वाले इस तारीख को बढ़ाकर 2024 कर देंगे। असम के लोगों में काफी गुस्सा है। वहां के सीएम ने वहां की जनता को धोखा दिया है। असम की भाषा और संस्कृति खतरे में है।’
CAA में अब तक क्या-क्या हुआ
- नागरिकता संशोधन कानून को संसद में 11 दिसंबर, 2019 को पारित किया गया।
- लोकसभा में 9 दिसंबर को पेश हुआ था, जहां निचले सदन में 311 वोट पक्ष में और 80 वोट विपक्ष में पड़े थे।
- वहीं, राज्य सभा में बिल पर पक्ष में 125 वोट मिले थे औऱ 105 वोट खिलाफ में पड़े थे।
- 12 दिसंबर को राष्ट्रपति ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी।
- लेकिन सरकार ने इसे नोटिफाई नहीं किया था यानि लागू नहीं किया था।
- तभी देश भर में इसके खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हुए।