महंगाई और बढ़ते खर्चों के चलते हर किसी को भविष्य की चिंता लगी रहती है। किसी को बच्चों की पढ़ाई की चिंता, तो किसी को शादी-ब्याह की। रोज मर्रा के खर्चों से पाई-पाई जोड़कर लोग भविष्य के लिए पैसे जमा करते हैं, ताकि भविष्य में कोई दिक्कत ना आए।
कई लोग मार्केट में पैसा लगाते हैं तो कोई बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) निवेश करते हैं। ये सबसे पसंदीदा ऑप्शन होता है लोगों के लिए क्योंकि इसमें निवेशक को न केवल पूंजी की सुरक्षा मिलती है, बल्कि स्थिर और सुनिश्चित रिटर्न भी मिलता है। Fixed Deposit में मैच्योरिटी अवधि भी आसान होती है। इसकी अवधि 7 दिनों से लेकर 5 वर्षों या उससे अधिक तक होती है। लेकिन कभी-कभी कुछ परिस्थितियों के कारण हमें, हमें फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़नी पड़ती है।
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लेकिन अगर आप अपनी Fixed Deposit मैच्योरिटी अवधि से पहले तोड़ते हैं तो आपको पेनल्टी लग सकती है और नुकसान भी हो सकता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) एक सुरक्षित निवेश विकल्प है, जो निवेशकों को निश्चित अवधि के लिए एक निश्चित ब्याज दर प्रदान करता है। विभिन्न बैंकों द्वारा पेश की जाने वाली एफडी की ब्याज दरें और समय से पहले निकासी (प्री-मैच्योर विड्रॉल) पर लगने वाली पेनल्टी की जानकारी जानने से पहले जान लें विभिन्न बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली एफडी ब्याज की दरें…
समय से पहले निकासी पर पेनल्टी
यदि आप अपनी एफडी को मैच्योरिटी से पहले तोड़ते हैं, तो बैंक पेनल्टी के रूप में ब्याज दर में कटौती कर सकते हैं। कुछ प्रमुख बैंकों की पेनल्टी नीतियां इस प्रकार हैं:
भारतीय स्टेट बैंक (SBI)
- ₹5 लाख तक की एफडी पर समय से पहले निकासी पर 0.50% पेनल्टी।
- ₹5 लाख से ₹1 करोड़ तक की एफडी पर 1% पेनल्टी।
- ब्याज दर में भी 1% तक की कटौती की जाती है।
एचडीएफसी बैंक (HDFC)
प्री-मैच्योर विड्रॉल, आंशिक विड्रॉल और स्वीप-इन के लिए, बैंक लागू दरों पर 1% पेनल्टी लगाता है।
केनरा बैंक (Canara Bank )
- ₹3 करोड़ से कम की एफडी पर समय से पहले निकासी पर 1% पेनल्टी।
- कुछ परिस्थितियों में पेनल्टी माफ की जा सकती है।
पेनल्टी नीतियां बैंक और जमा राशि के अनुसार भिन्न हो सकती हैं। समय से पहले निकासी से पहले संबंधित बैंक की शर्तों की जांच करें।
एफडी में निवेश करते समय ब्याज दरों और समय से पहले निकासी पर लगने वाली पेनल्टी की जानकारी होना महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करें कि आप निवेश से पहले सभी शर्तों और नीतियों को समझ लें, ताकि भविष्य में किसी भी असुविधा से बचा जा सके।