महाराष्ट्र सरकार ने ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ के फर्जी लाभार्थियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का निर्णय लिया है। सरकार ने आयकर विभाग और परिवहन विभाग से जानकारी प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि योजना के लाभार्थियों का सही-सही वेरिफिकेशन किया जा सके। महिला और बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार केवल उन फर्जी लाभार्थियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी, जिनके बारे में स्थानीय सरकारी कार्यालयों में शिकायतें आई हैं।
लाडकी बहिन योजना की विशेषताएँ
महाराष्ट्र की पिछली सरकार के तहत अगस्त 2024 में शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ के तहत पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये का मासिक भत्ता प्रदान किया जाता है। योजना का उद्देश्य राज्य की महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। हालांकि, अब सरकार ने योजना के फर्जी लाभार्थियों के बारे में शिकायतों पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है, ताकि सही पात्र महिलाओं को ही लाभ मिल सके।
अदिति तटकरे का बयान
अदिति तटकरे ने बताया कि सरकार इस समय केवल उन शिकायतों को ही प्राथमिकता दे रही है, जो स्थानीय सरकारी कार्यालयों से प्राप्त हुई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसी व्यापक अभियान के तहत लाभार्थियों की जांच नहीं की जा रही है, और न ही सरकार ने किसी नीति में बदलाव किया है। हालांकि, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पहले ही संकेत दिया था कि योजना के लाभार्थियों की जांच की जाएगी।
फर्जी लाभार्थियों के खिलाफ कदम
अदिति तटकरे ने यह भी बताया कि आयकर विभाग और परिवहन विभाग से डाटा मांगा गया है, क्योंकि कुछ शिकायतों में उन लाभार्थियों का नाम सामने आया है, जिनकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये से अधिक है या जो चार पहिया वाहन के मालिक हैं। इसके बाद सरकार उन शिकायतों का समाधान करेगी।
झूठे दस्तावेजों के जरिए लाभ उठाने की कोशिश
महिला और बाल विकास मंत्री ने कहा कि कुछ महिलाएं शादी के बाद कर्नाटक चली गईं, लेकिन फिर भी उन्होंने इस योजना से लाभ लेने के लिए झूठे दस्तावेज़ प्रस्तुत किए। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ लाभार्थियों ने यह जानकारी दी है कि वे सरकारी नौकरी प्राप्त करने के बाद योजना से अपना नाम वापस लेना चाहते हैं।
अन्य सरकारी योजनाओं से मिलने वाली सहायता
अगर कोई लाभार्थी अन्य सरकारी योजनाओं से भी वित्तीय सहायता प्राप्त कर रहा है, तो उसे लाडकी बहिन योजना से केवल अंतर मिलान निधि दी जाएगी। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी महिला को किसी अन्य योजना से 1,000 रुपये मिलते हैं और वह लाडकी बहिन योजना में शामिल होती है, तो उसे 1,500 रुपये की बजाय सिर्फ 500 रुपये का भत्ता मिलेगा।
शिकायतों और वेरिफिकेशन की प्रक्रिया
मंत्री ने बताया कि पालघर, यवतमाल, वर्धा और सतारा जैसे जिलों से इस प्रकार की शिकायतें सामने आई हैं, जिसके बाद मंत्रालय ने फर्जी लाभार्थियों की पहचान के लिए क्रॉस-सत्यापन प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है।
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सरकार अब इन शिकायतों को गंभीरता से लेकर, सही लाभार्थियों को योजना का लाभ देने की दिशा में कदम उठा रही है, ताकि राज्य के विकास कार्यों में महिलाओं को उचित लाभ मिल सके।