कोलकाता रेप और मर्डर केस को लेकर बीजेपी ने 28 अगस्त को बंगाल बंद बुलाया था। इस बंद के दौरान कई जगहों से हिसंक तस्वीरें सामने आईं। इस बंद के बाद बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बीजेपी पर हमला बोला। ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद की स्थापना दिवस पर कहा कि बीजेपी बंगाल को जलाना चाहती है।
बीजेपी को लेकर क्या कहा ममता बनर्जी ने?
ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद की स्थापना दिवस पर सम्बोधित करते हुए कहा कि बीजेपी बंगाल में जो आग लगाना चाहती है, वो दूर तक जाएगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बंगाल को जलाया तो असम, ओडिशा, उत्तर-पूर्व, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और दिल्ली भी जलेंगे। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी को कहा कि हम आपकी कुर्सी गिरा देंगे।
ममता बनर्जी ने सफाई में क्या कहा?
छात्रों को लेकर दिए गए बयान पर ममता बनर्जी ने कहा कि मुझे कुछ प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में एक दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार अभियान का पता चला है, जो कल हमारे छात्रों के कार्यक्रम में मेरे द्वारा दिए गए भाषण के संदर्भ में फैलाया गया है। मैं दृढ़तापूर्वक स्पष्ट कर दूं कि मैंने (मेडिकल आदि) छात्रों या उनके आंदोलनों के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है। मैं उनके आंदोलन का पूरा समर्थन करता हूं. उनका आंदोलन सच्चा है. मैंने उन्हें कभी धमकी नहीं दी, जैसा कि कुछ लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं। यह आरोप पूरी तरह से गलत है।
I detect a malicious disinformation campaign in some print, electronic and digital media which has been unleashed with reference to a speech that I made in our students' programme yesterday.
Let me most emphatically clarify that I have not uttered a single word against the…
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) August 29, 2024
केंद्र के समर्थन से, अराजकता पैदा करने की कोशिश
बंगाल सीएम ने कहा कि मैंने बीजेपी के खिलाफ बोला है. मैंने उनके खिलाफ इसलिए बोला है क्योंकि भारत सरकार के समर्थन से वे हमारे राज्य में लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं और अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।’ केंद्र के समर्थन से, वे अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और मैंने उनके खिलाफ आवाज उठाई है।
यह भी पढ़ें: ममता बनर्जी पर असम, ओडिशा के सीएम ने क्यों बोला हमला?
ममता बनर्जी ने यह स्पष्ट करते हुए कहा कि जिस वाक्यांश (“फोंश कारा”) का मैंने कल अपने भाषण में उपयोग किया था, वह रामकृष्ण परमहंस देव का एक उद्धरण है। महान संत ने कहा था कि कभी-कभी आवाज उठाने की जरूरत होती है। जब अपराध और आपराधिक घटनाएं होती हैं तो विरोध की आवाज उठानी ही पड़ती है। उस बिंदु पर मेरा भाषण महान रामकृष्णवादी कथन की ओर सीधा संकेत था।