देश के ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार कई योजनाएं चलाती हैं। उन्हीं योजनाओं में से एक है मनरेगा। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) भारत सरकार द्वारा 2005 में लागू की गई एक सामाजिक सुरक्षा योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा प्रदान करना और गरीबी उन्मूलन करना है।
मनरेगा के तहत राजस्थान के श्रमिकों के लिए एक खुशखबरी है। बाड़मेड़ के मनरेगा श्रमिक अब अपने घर से मोबाइल एप के जरिए मनरेगा में रोजगार की मांग कर पाएंगे। बाड़मेड़ की जिला कलेक्टर टीना डाबी एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिद्धार्थ पलनीचामी ने हाल ही में दरूड़ा ग्राम पंचायत से MY NREGA APP लॉन्च कर दिया है।
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अब इस एप से मनरेगा श्रमिक ऑनलाइन मनरेगा में रोजगार की मांग कर सकेंगे। बता दें कि इससे पहले फार्म संख्या-6 में आवेदन करके मनरेगा में रोजगार मांगना पड़ता था। लेकिन अब श्रमिक घर से मोबाइल ऐप के माध्यम से रोजगार प्राप्त कर पाएंगे।

क्या है मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम)?
मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) भारत सरकार द्वारा 2005 में लागू की गई एक सामाजिक सुरक्षा योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा प्रदान करना और गरीबी उन्मूलन करना है।
मनरेगा की प्रमुख बातें
- यह योजना ग्रामीण परिवारों को प्रति वर्ष 100 दिन का गारंटीकृत रोजगार उपलब्ध कराती है।
- कानूनी रूप से गारंटीकृत रोजगार (काम न मिलने पर सरकार को बेरोजगारी भत्ता देना होता है)।
- मजदूरी का भुगतान 15 दिनों के भीतर करना अनिवार्य है।
- जल संरक्षण, सड़कों का निर्माण, वृक्षारोपण, तालाब खुदाई, सिंचाई सुविधाओं का निर्माण आदि।
- 33% रोजगार महिलाओं के लिए आरक्षित है, जिससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलता है।
मनरेगा के लाभ
- ग्रामीण बेरोजगारी में कमी।
- स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना।
- ग्रामीण विकास और बुनियादी ढांचे को मजबूत करना।
- महिलाओं और कमजोर वर्गों के लिए आर्थिक सुरक्षा।
मनरेगा दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी योजनाओं में से एक है, जो ग्रामीण भारत के लोगों को आर्थिक मजबूती और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती है।