पीएम मोदी ने संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर लोकसभा में हुए बहस का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुँचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। संविधान संसोधन करने का खून कांग्रेस के मुंह लगा गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने कहा कि 55 वर्षों तक एक ही परिवार का शासन रहा, और इसी दौरान संविधान पर लगातार प्रहार किए गए। इस परिवार की कुविचार, कुरीति और कुनीति की परंपरा ने देश को कई मुश्किलों में डाला. पीएम मोदी ने 1951 की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय जब चुनी हुई सरकार नहीं थी, कांग्रेस ने एक अध्यादेश लाकर संविधान को बदला और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला किया. उन्होंने कहा कि यह परिवार हर स्तर पर संविधान को चुनौती देता रहा है, और देशवासियों को यह जानने का अधिकार है कि उनके शासनकाल में क्या-क्या हुआ.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान के साथ छेड़छाड़ की और अपनी मनमानी करने के लिए संविधान के मूल भाव को दरकिनार किया. उन्होंने बताया कि संविधान सभा में जो काम नहीं करवा पाए, उसे बाद में पीछे से किया गया. पीएम मोदी ने कहा कि पंडित नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी कि अगर संविधान हमारे रास्ते में आए तो हर हाल में उसमें परिवर्तन करना चाहिए. उन्होंने 1951 की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय एक पाप किया गया, जब राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने चेतावनी दी थी कि यह गलत हो रहा है. स्पीकर ने भी कहा था कि यह गलत कर रहे हो. पीएम मोदी ने कहा कि यह घटना बताती है कि कांग्रेस ने किस तरह संविधान की मर्यादाओं का उल्लंघन किया.
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस समय-समय पर संविधान का शिकार करती रही और संविधान की आत्मा को लहूलुहान करती रही। जो बीज देश के पहले पीएम ने बोया था उसको खाद-पानी देने का काम इंदिरा गांधी ने किया. 1975 में 39वां संशोधन किया, राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, अध्यक्ष, प्रधानमंत्री के चुनाव के खिलाफ कोई कोर्ट में जा ही नहीं सकता है ऐसा प्रावधान किया गया. इमरजेंसी में लोगों के अधिकार छीन लिए गए, न्यायपालिका का गला घोंट दिया गया.
प्रधानमंत्री मोदी ने इसके बाद राजीव गांधी के कार्यकाल में भारत की महिला को न्याय देने का काम संविधान की मर्यादा के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया था लेकिन राजीव गांधी ने वोटबैंक की खातिर संविधान की भावना को बलि चढ़ा दिया और कट्टरपंथियों के आगे सिर झुका दिया.
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पीएम मोदी ने कहा कि मनमोहन सिंह जी ने कहा था कि, ‘मुझे यह स्वीकार करना होगा कि पार्टी अध्यक्ष सत्ता का केंद्र है.’ सरकार पार्टी के प्रति जवाबदेह है. इतिहास में पहली बार संविधान को ऐसी गहरी चोट पहुंचा दी गई.नैशनल अडवायजरी काउंसिल को पीएमओ के ऊपर बैठा दिया गया. एक अहंकारी व्यक्ति कैबिनेट के निर्णय को फाड़ दे और कैबिनेट अपना फैसला बदल दे ये कौन-सी व्यवस्था है. कांग्रेस ने निरंतर संविधान की अवमानना किया है. संविधान के महत्व को कम किया है.