राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने पर लगातार सस्पेंस बना हुआ है। देश भर की निगाहें उत्तर प्रदेश की अमेठी और रायबरेली सीट पर है। ये दोनों सीट गांधी परिवार का गढ़ रहा है। लेकिन गांधी परिवार के इस गढ़ में बीजेपी सेंध लगा चुकी है। 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हरा दी थी। बीजेपी ने एकबार फिर स्मृति ईरानी को अमेठी से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने इस सीट से किसी को भी अबतक उम्मीदवार नहीं बनाया है। सोनिया गांधी के राजस्थान से राज्यसभा की सांसद बनने के बाद रायबरेली की सीट भी खाली है।
प्रियंका गांधी चुनाव क्यों नहीं लड़ेंगी?
सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार लगभग यह तय है कि प्रियंका गांधी इसबार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी। इसका सबसे बड़ा कारण है परिवारवाद का आरोप है। प्रियंका के चुनाव लड़ने से एक ही समय में गांधी परिवार का तीन सदस्य सांसद बन जाएगा। जिससे कारण बीजेपी परिवारवाद को लेकर कांग्रेस पर हमला तेज कर देगी। वहीं दूसरा कारण प्रियंका गांधी का चुनाव नहीं लड़ने का यह है कि वह पार्टी के लिए प्रचार करने के लिए उतना समय नहीं दे पाएगी जितना वह अभी दे रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी के साथ ही प्रियंका गांधी पार्टी के लिए देशभर में प्रचार कर रही है।
राहुल गांधी अमेठी की जगह रायबरेली से लड़ सकते चुनाव
राहुल गांधी को लेकर यह खबर है कि वह अमेठी की जगह रायबरेली से चुनाव लड़ सकते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण रायबरेली का अमेठी की तुलना में सुरक्षित सीट होना है। राहुल पिछली बार अमेठी से चुनाव हार चुके हैं। स्मृति ईरानी यहाँ से चुनाव जीतने के बाद लगातार क्षेत्र की जनता से जुड़ी रही है। स्मृति ईरानी ने अमेठी में अपना घर भी बना लिया है। अमेठी में राहुल गांधी की हार 55000 वोटों से हुई थी। वहीं रायबरेली से सोनिया गांधी एक लाख 67 हजार वोटों से जीती थी।
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कांग्रेस और राहुल के लिए अच्छा होगा की वह अमेठी से चुनाव लड़े
किसी भी लड़ाई में जीत और हार होती रहती है। इतिहास हमेशा उसे याद रखता है जो लड़ता है। चुनाव तो इंदिरा गांधी भी हारी थी लेकिन वह फिर दोबारा लड़ी, जीती और सरकार भी बनाई। राहुल गांधी अगर अमेठी से चुनाव लड़ते हैं तो देशभर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में एक नया जोश और उत्साह का संचार होगा। जनता में भी एक अलग सन्देश जाएगा। अभी तक जो दो चरण का चुनाव हुआ है उससे यह साफ कहा जा सकता है की लड़ाई एकतरफा नहीं है। जमीन पर जनता चुनाव लड़ रही है। विपक्ष भी लड़ाई में है। अगर राहुल अमेठी से चुनाव नहीं लड़ते हैं तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह कम होगा। बीजेपी भी जमकर प्रचार करेगी की राहुल मैदान छोड़कर भाग गए। इसलिए राहुल और कांग्रेस के लिए यह अच्छा होगा कि राहुल अमेठी से चुनाव लड़े।