कांग्रेस सांसद और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को नई जिम्मेदारी दी गई है। राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे। कांग्रेस ने मंगलवार को अपने नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल गांधी के नाम पर मुहर लगाई। बता दें कि मंगलवार की रात इंडिया गठबंधन के सभी नेताओं की मीटिंग हुई और ये बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई। बैठक में ही राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई।
ये होंगे अधिकार
नेता प्रतिपक्ष के नाते राहुल गांधी के पास कुछ और शक्तियां भी आ गई हैं। राहुल गांधी अब सीबीआई के डायरेक्टर, सेंट्रल विजिलेंस कमिश्नर, मुख्य सूचना आयुक्त, ‘लोकपाल’ या लोकायुक्त, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के चेयरपर्सन और सदस्य और भारतीय निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ती करने वाली कमिटी का हिस्सा बन गए हैं।
इन नियुक्तियों में राहुल गांधी उसी कमेटी और टेबल पर बैठेंगे जहां पीएम मोदी होंगे। पहली बार ऐसा होगी कि पीएम को इन फैसलों में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की भी सहमति लेनी होगी।
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई मीटिंग से पहले कांग्रेस मुख्यालय में महाराष्ट्र के रिजल्ट पर मीटिंग हुई। मीटिंग में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘महाराष्ट्र में हम लोकसभा चुनाव बिलकुल विपरीत परिस्थिति में लड़े। मैं पार्टी के अच्छे प्रदर्शन के लिए महाराष्ट्र कांग्रेस के हर एक नेता, कार्यकर्त्ता को बधाई देता हूँ, बूथ एजेंट को बधाई देता हूँ, और हम महाराष्ट्र की जनता को धन्यवाद करते हैं।
कांग्रेस ने महाराष्ट्र को देश का सबसे समृद्ध और विकाशील राज्य बनाया था, पर भाजपा की सरकार ने उद्योग चौपट कर दिए, और जनता को बेरोज़गारी और महँगाई के कुचक्र में धकेल दिया है।किसानों के साथ सबसे ज़्यादा अन्याय हुआ है।
देश अब बदलाव की ओर देख रहा है।महाराष्ट्र ने इसका स्पष्ट संदेश दे दिया है। हमें चुनाव की तैयारियों में लग जाना है।यही हमारी सबसे बड़ी ज़िमेदारी है।
बताते चलें कि मंगलवार को राहुल गांधी ने संसद भवन में सांसद पद की शपथ ली। जहां उन्होंने एक हाथ में संविधान की प्रति लेकर सांसद पद की शपथ ली थी।