आज से संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया है। सत्र शुरू होते ही लोकसभा में नीट का मुद्दा गरमाया। विपक्ष ने जहां एक ओर नीट पेपर लीक मामले पर सरकार से जवाब मांग वहीं सरकार भी इस पर पीछे नहीं रही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “नई संसद के गठन होने के बाद जो पहला सत्र था, 140 करोड़ देशवासियों ने बहुमत के साथ जिस सरकार को सेवा करने का आदेश किया उसकी आवाज को कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास हुआ। 2.5 घंटे तक देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने का, उनकी आवाज को रोकने का लोकतांत्रिक परंपराओं में कोई स्थान नहीं हो सकता। इसका कोई पश्चाताप तक नहीं है।’
विपक्षी सांसद बी मणिकम टैगोर ने सरकार से मामले पर जवाब मांगा। जिस पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि, ‘नीट परीक्षा में केवल बिहार में एक सेंटर पर लीक या कदाचार की खबर आई है। वहां बिहार पुलिस और सीबीआई कार्रवाई कर रही है। प्रधान ने विपक्ष के 7 साल में 70 बार पेपर लीक को लेकर कहा कि ऐसा कोई डेटा या सबूत नहीं है जो इसकी तस्दीक करती है।’
वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, “मुद्दा यह है कि देश में लाखों छात्र हैं जो इस बात से बेहद चिंतित हैं कि क्या हो रहा है और उनका मानना है कि भारतीय परीक्षा प्रणाली एक धोखाधड़ी है। लाखों लोग मानते हैं कि अगर आप अमीर हैं और आपके पास पैसा है, तो आप भारतीय परीक्षा प्रणाली को खरीद सकते हैं और यही भावना विपक्ष की भी है…”
विपक्षी सांसदों द्वारा लोकसभा में NEET परीक्षा का मुद्दा उठाए जाने पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “…पिछले 7 सालों में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला है। यह (NEET) मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है…मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि NTA के बाद 240 से अधिक परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गई हैं…”