तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर देशभर में बवाल जारी है। आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर अब सियासत तेज हो गई है। वहीं, देशभर के संतों में मामले को लेकर रोष देख रहा है।
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संतों ने ये मांग की है जल्द से जल्द मंदिर का ट्रस्ट बोर्ड भंग कर दिया जाए। वहीं, श्रद्धालुओं में भी इसे लेकर नाराजगी देखने को मिल रही है। अब सबसे बड़ा सवाल ये कि आखिर तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट किसने और क्यों की?
तिरुपति प्रसादम विवाद पर तिरुमाला मंदिर के पूर्व पुजारी रमण दीक्षितुलु ने कहा, “प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले गाय के घी में बहुत सारी अशुद्धियां थीं और उसकी गुणवत्ता भी खराब थी। मैंने कई साल पहले इस पर ध्यान दिया था, मैंने इसे संबंधित अधिकारियों और ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष के सामने रखा था लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की। यह मेरे लिए अकेले की लड़ाई है, लेकिन अब नई सरकार ने सत्ता संभाली है और उन्होंने सारी गंदगी साफ करने का वादा किया है। उन्होंने पहले ही सरकारी डेयरियों से शुद्ध गाय का घी खरीद लिया है और वे अब शुद्ध घी से खाद्य सामग्री तैयार कर रहे हैं। इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि मंदिर में ऐसे महापाप दोबारा न हों, जो एक पवित्र मंदिर है जिसमें करोड़ों भक्तों की गहरी आस्था और भक्ति है।’
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने तिरुपति प्रसादम विवाद पर कहा, “मामला बहुत गंभीर है…सरकार को इस मामले की और गंभीरता से जांच करनी चाहिए, 2-3 और लैब में इसकी जांच करानी चाहिए। तिरुपति के लड्डू पूरे देश में प्रसिद्ध हैं, हर कोई इसका सेवन करता है…यह आस्था से जुड़ा मामला है, मैं चाहता हूं कि इसकी सही तरीके से जांच हो। इस मुद्दे पर राजनीति तो होगी क्योंकि यह इतना बड़ा तीर्थस्थल है, लेकिन किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले यह पता चलना चाहिए कि इसकी कॉन्ट्रैक्टिंग किसने की, किस सिस्टम से कहां से की और तब पूरी सच्चाई पता चलेगी।”
भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने तिरुपति प्रसादम विवाद पर कहा, “पूरे विश्व की आस्था तिरुपति से जुड़ी है और तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रसाद दुनिया के कोने-कोने में पोस्ट या कूरियर के माध्यम से पहुंचता है। जो अनियमितताएं सामने आई हैं, उससे साफ पता चलता है कि जगन रेड्डी और YSRCP ने हिंदुओं की आस्था को बदनाम करने के लिए यह साजिश रची है।”