जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है। इस अभियान में भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर तबाह कर दिया। ऑपरेशन की सफलता के बाद जहां देश में आक्रोश का जवाब सख्त कार्रवाई से मिला, वहीं विश्व के प्रमुख देशों ने इस घटनाक्रम पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं।
अमेरिका: शांति की उम्मीद, लेकिन भारत की कार्रवाई की निंदा नहीं
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस स्थिति को “शर्मनाक” करार देते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान को जल्द ही तनाव कम कर शांति की ओर बढ़ना चाहिए। वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बताया कि अमेरिका दोनों देशों के संपर्क में है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है। अमेरिका की यह नीति यह दर्शाती है कि वह क्षेत्र में संतुलन चाहता है, लेकिन भारत की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई की आलोचना नहीं करना चाहता।
इजरायल: भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन
भारत के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक इजरायल ने सबसे स्पष्ट और दृढ़ समर्थन दिया है। भारत में इजरायल के राजदूत रुवेन अजार ने बयान जारी कर कहा, “हम भारत के आत्मरक्षा के अधिकार के साथ खड़े हैं। आतंकवादियों को उनके अपराधों की सजा मिलनी ही चाहिए।” यह बयान भारत को न केवल कूटनीतिक समर्थन देता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इजरायल भारत के साथ है।
चीन: तनाव से बचने की अपील
चीन ने एक संतुलित लेकिन सतर्क प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को संयम बरतना चाहिए और ऐसे कदमों से बचना चाहिए जो स्थिति को और जटिल बना सकते हैं। यह बयान चीन की रणनीतिक स्थिति को दर्शाता है—वह पाकिस्तान का समर्थन करता है, लेकिन भारत से टकराव भी नहीं चाहता।
संयुक्त राष्ट्र: संयम और संवाद की वकालत
यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने की अपील की। उन्होंने एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सैन्य गतिविधियों को लेकर चिंता जताई। यह बयान इस बात का संकेत है कि दक्षिण एशिया में कोई भी सैन्य तनाव वैश्विक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।

यूएई: कूटनीति को प्राथमिकता
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भी संयम की सलाह दी है। उप-विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद ने कहा कि क्षेत्र में स्थायित्व लाने का सबसे अच्छा रास्ता संवाद और कूटनीति है। यूएई का यह रुख बताता है कि वह दोनों देशों के साथ अपने रिश्ते संतुलित रखना चाहता है।
रूस: भारत की आतंकवाद विरोधी नीति का समर्थन
रूस ने भी संतुलित बयान जारी किया लेकिन साफ किया कि वह आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई का समर्थन करता है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा, “भारत और पाकिस्तान को तनाव से बचना चाहिए, लेकिन हम पहलगाम हमले की कड़ी निंदा करते हैं।” रूस का यह रुख भारत के लिए समर्थन का संकेत है, साथ ही क्षेत्रीय शांति को प्राथमिकता देने का संदेश भी।
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत को जहां कुछ देशों से स्पष्ट समर्थन मिला, वहीं कई देशों ने शांति और कूटनीति की वकालत की। यह घटनाक्रम दर्शाता है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को वैश्विक स्तर पर गंभीरता से लिया जा रहा है, और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति मजबूत हो रही है।