ये कोई नई बात अचानक सामने नहीं आई है. पता तो ज़माने भर को है लेकिन सब ऐसा नहीं करते. कारण ये है कि लोगों को लगता है कि कमाई नहीं हो पाएगी इससे. और अगर कमाई होगी भी तो बहुत अच्छी नहीं होगी. ये दोनों बातें भ्रम हैं.
सच कहा जाए तो ये शहरों के लोगों के लिए एक खुशखबरी है. आप शहर में रह कर भी खेती कर सकते हैं. आपके पास शहर में दो-दो खेत हैं. आश्चर्य की बात ये है कि ये बात जानते हुए भी आप नहीं जानते. आपके पास बगीचा भी है और छत भी. दोनों जगह आप खेती कर सकते हैं.
जी हाँ, खेती आप फसलों की नहीं सब्जियों की कर सकते हैं. सच ये भी है कि इसमें आप हर हफ्ते-पंद्रह दिनों में कमाई कर सकते हो. दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में खेती की जमीन पर फसलें उगाई जाती हैं जो तीन से छह महीनों का समय लेती हैं जबकि कुछ फसलें तो साल में आपको एक बार कमा कर देती हैं.
अब तो देश में सरकारी स्तर पर भी बाग़-बगीचे की खेती की जा रही है. दिल्ली के कृषि विज्ञान केंद्र में अंत: फसलन विधि का प्रयोग कर सब्जी की खेती की जा रही है. अन्तः-फसलन का अर्थ है अंदर फसल पैदा करना अर्थात खेत की बजाये अपने घर के बगीचे में खेती करना.
सब्जी के किसानों के लिए ये तरीका और भी आसानी पैदा करने वाला है. वे तो खेत में भी खेती कर सकते हैं और अगर शहर में रहते हैं तो वहां भी अपने बगीचे में फसल उगा सकते हैं. हाँ ये बात दूसरी है कि बगीचे की खेती में आप फसलें नहीं सब्जियां उगा सकते हैं और उससे भरपूर कमा भी सकते हैं.
सच बात तो ये है कि अगर फसल की खेती की जमीन आपके पास नहीं है तो आप सब्जी की खेती करके कमा सकते हैं. सब्जी की खेती ज़रा सी जगह में हो सकती है और आपका बगीचा और आपकी छत इस काम में कमाल की कमाई आपको दे सकते हैं.
आप इसको कोई प्रयोग मत मानिये. बल्कि ये जान लीजिये कि अगर आपने बगीचे में खेती शुरू की तो आपको किसानों को सब्जी के लिए अधिक भूमि की चिंता नहीं करनी होगी. आप अपने बाग-बगीचों में सब्जी पैदाकर के निरंतर कमाई कर सकते हैं. अपने बगीचे की जमीन में मेड़ बनाकर कद्दू-वर्गीय सब्जियां मसलन लौकी, करेला, तोरई, लोबीया और कद्दू बोई जा सकती हैं.
उत्तर प्रदेश के सीतापुर कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में भी बगीचे की खेती की जा रही है और इस पर भाँति-भाँति के प्रयोग किये जा रहे हैं. इसी तरह फैजाबाद के नरेन्द्र नगर में आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्रीय बागवानी के तहत आदर्श पौधशाला स्थापित की गयी है. यहां तो और भी बड़ा काम चल रहा है. यहां पर अरहर व गेहूं के अलावा कई अन्य प्रकार की खेतियाँ की जा रही हैं.
अगली पोस्ट में हम आपको विस्तार से बताएँगे कि बगीचे में खेती आपको कैसे करनी है.